सरगुजा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अंबिकापुर, 20 मार्च। कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर नौकरी लगाने का झांसा देकर लाखों की ठगी करने वाले आरोपी को गांधीनगर पुलिस टीम ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने प्रकरण में फर्जी नियुक्ति प्रमाण पत्र भी जब्त किया है।
पुलिस के अनुसार दिनेश यादव द्वारा 7 अप्रैल 2024 को थाना गांधीनगर आकर रिपोर्ट दर्ज कराई कि प्रार्थी की जानपहचान करीब 3 वर्ष पूर्व पवन कुमार समीर से हुई थी, जो उस समय केन्द्रीय विद्यालय अम्बिकापुर में शिक्षक था।
जानपहचान होने के बाद पवन कुमार समीर प्रार्थी के लडक़े का स्वास्थ्य विभाग में कम्प्यूटर ऑपरेटर के पद पर नौकरी लगा देने की बात बोला, जिसके एवज में 10 लाख रुपये की मांग की। तब प्रार्थी द्वारा पवन कुमार समीर को अलग अलग किश्त में कुल 10 लाख रुपये दे दिया, उसके एक-दो महीने बाद पवन कुमार समीर प्रार्थी के लडक़े के नाम पर नियुक्ति पत्र भेजवा कर रायपुर जाने की बात बोला, तब प्रार्थी उस नियुक्ति पत्र को लेकर रायपुर कार्यालय में गये, वहां जाने के बाद पता चला कि रायपुर से कोई ऐसा नियुक्ति पत्र जारी नहीं हुआ है, फर्जी है।
पवन कुमार समीर प्रार्थी के लडक़े को फर्जी नियुक्ति पत्र देकर धोखाधड़ी किया है, बाद में प्रार्थी पवन कुमार समीर से नौकरी नहीं लगा पाने की बात बोलकर अपना पैसा वापस माँगा तो पवन कुमार समीर आज तक मात्र 6 लाख रूपये प्रार्थी को वापस किया है एवं बाकी 4 लाख रुपये मांगने पर देने से मना करते हुए टालमटोल कर रहा है। मामले में प्रार्थी की रिपोर्ट पर थाना गांधीनगर में अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
पुलिस टीम द्वारा मामले के प्रार्थी एवं अन्य परिजनों का कथन लेख कर मामले के आरोपी की पतासाजी हेतु पुलिस टीम को अलीगढ़ उत्तरप्रदेश रवाना किया गया था, पुलिस टीम के सतत प्रयास से मामले के आरोपी पवन समीर को पकडक़र पूछताछ की गई। आरोपी द्वारा अपना नाम पवन कुमार समीर उत्तरप्रदेश का होना बताया। आरोपी को प्रकरण में गिरफ्तार कर न्यायालय सीजीएम अलीगढ़ से ट्रांजिट रिमांड प्राप्त कर थाना गांधीनगर लाया गया।
पुलिस टीम द्वारा आरोपी से घटना के सम्बन्ध में पूछताछ किये जाने पर नौकरी लगाने के नाम पर ठगी कर फर्जी नियुक्ति प्रमाण पत्र देना स्वीकार किया गया।
आरोपी पवन समीर द्वारा प्रार्थी को उसके पुत्र का कम्प्यूटर ऑपरेटर के पद पर कूटरचित फर्जी नियुक्ति प्रमाण पत्र देकर धोखाधड़ी कारित करने पर आरोपी को रिमांड में न्यायालय के समक्ष पेश किया जाता है।