सरगुजा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अम्बिकापुर, 25 फरवरी। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय अम्बिकापुर द्वारा महाशिवरात्रि पर सात दिवसीय शिव दर्शन आध्यात्मिक मेला का भव्य उद्घाटन समारोह सोमवार को संध्या 6 बजे हुआ।
मुख्य अतिथि के रूप में सांसद चिन्तामणि महाराज, नवनिर्वाचित महापौर मंजूषा भगत, पार्षद आलोक दुबे, करता राम गुप्ता,वरिष्ठ भाजपा नेता अनिल सिंह मेजर,मंडल अध्यक्ष मनोज कंसारी,पूर्व नेता प्रतिपक्ष नगर निगम अंबिकापुर जन्मेजय मिश्रा ,पार्षद निरंजन राय एंव सेवाकेन्द्र संचालिका ब्रह्माकुमारी विद्या दीदी द्वारा फीता काटकर भव्य उद्घाटन किया गया। मणिकणिका द्वारा नृत्य प्रस्तुत कर अतिथियों का स्वागत किया गया।
अतिथियों ने 12 ज्योतिर्लिंगम ,केदारनाथ के भव्य मन्दिर में द्वीप प्रज्वलन वा आरती पूजन कर सम्पूर्ण मेेले का अवलोकन किया। तत्पश्चात् अतिथियों ने महाशिवरात्रि की शुभकामनाएं दी।
सरगुजा सांसद चिन्तामणि महाराज ने महाशिवरात्रि की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इस परिसर में आते ही एक अद्भूत शांति की अनुभूति होती है। कौरव - पाण्डव का उदाहरण देते हुए कहा कि जीवन मेें शब्दों को अपने अन्दर भरने के साथ आचरण में लाना चाहिए। मन में शान्ति नहीं तो कितना भी धन - दौलत हो शान्ति नहीं मिलती। भगवान से जुडऩे से ही शान्ति मिलती है। उन्होंने सरगुजिहा भाषा में भाषण देकर लोगों को मंत्र मुग्ध कर दिया।
महापौर मंजूषा भगत ने अनुभव साझा करते हुए कहा कि मेले में लगा अमरनाथ की गुफा में जैसे ही प्रवेश कि सच-मुच यात्रा पर हूं ,ऐसा महशूस हुआ । उन्होंने कहा कि सेवाकेन्द्र संचालिका ब्रह्माकुमारी विद्या दीदी को मैं अपने जीवन का प्रेरणास्त्रोत मानती हूं कि एक नारी होकर इतनी बड़ी संस्था चला सकती हैं तो मैं भी महापौर की जिम्मेदारी संभाल सकती हूं। एक बड़ी जिम्मेवारी संभालने के लिए हमें मन की शान्ति की जरूरत पड़ती है। यह शान्ति हमें सस्था में आने से ही मिलती है ।
अनिल सिंह मेजर ने कहा कि जब हम अपने आपको आध्यात्म व मेडिटेशन से जोड़ते हैं तो एक नयी ऊर्जा के साथ कार्यक्षेत्र में आते हैं अच्छा प्रदर्शन होता है, इसलिए हर एक को संस्था से जुडक़र अपने आपको परिवर्तन लाना चाहिए।
आलोक दुबे ने कहा कि इस संस्था को एक अद्भूत शक्ति प्राप्त है । जैसे ही परिसर में प्रवेश करता हूं शान्ति की अनुभूति होती है । ईश्वरीय ज्ञान को आत्मसात करने से ही जीवन सफल हो सकता है।
कार्यक्रम में करता राम गुप्ता, मनोज कंसारी , जन्मेजय मिश्रा , निरंजन राय भी उपस्थित रहे। सभी ने महाशिवरात्रि की शुभकामनाएं दी। सेवाकेन्द्र संचालिका ब्रह्माकुमारी विद्या दीदी ने कहा कि भौतिकता के दौर में हम आज कहीं न कहीं उस परमात्मा से दूर वा संबंध न होने के कारण दु:ख, अशांति और अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। परमात्मा हमसे अलग नहीं है,वो हमारे संबंधी हैं ।
इस मेले में आकर्षण का केन्द्र केदारनाथ का भव्य मंदिर हैं। मेले में प्रवेश करते ही सबसे पहले गुफाओं के अन्दर से 12 ज्योतिर्लिंगम के दर्शन करते हैं फिर केदारनाथ के भव्य मंदिर का दर्शन होता है। आगे जाने पर कैलाश पर्वत का विहंगम दृश्य है जिसमें कैलाश पर्वत पर बैठे हुए शंकर के जटा से गिरता हुआ शिवलिंग पर पानी मन को आनन्दित कर देता है। इसके पश्चात् अमरनाथ की गुफा में पहुंचकर बर्फानी बाबा का दर्शन कर मन को असीम शान्ति की अनुभूति होती है। तत्पश्चात् सुन्दर, आदर्श ग्राम का दृश्य एवं आध्यात्मिक चित्र प्रदर्शनी एवं स्वर्ग का मॉडल इस झांकी में दर्शाया गया है। सभी अतिथियों ने इस मेले की वा संस्था की बहुत सराहना की एवं शांति का अनुभव हुआ । यह मेला 2 मार्च तक चोपड़ापारा में शहर वासियों के लिए दर्शनार्थ रहेगा।