सरगुजा

पीजी कॉलेज महाविद्यालय में संकाय संवर्धन कार्यक्रम शुरू
18-Feb-2025 10:38 PM
पीजी कॉलेज महाविद्यालय में संकाय संवर्धन कार्यक्रम शुरू

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

अम्बिकापुर, 18 फरवरी। राजीव गांधी शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय अम्बिकापुर में संकाय संवर्धन कार्यक्रम की शुरूआत 18  से 24 फरवरी तक एफडीपी का आयोजन किया जा रहा है। यह कार्यक्रम इंटीग्रेटिंग इण्डियन नॉलेज सिस्टम इन टू मार्डेन एजूकेशन विषय पर होगा।

उद्घाटन समारोह के साथ इस कार्यक्रम की शुरूआत की गई। उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि संत गहिरा गुरू विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. पी.पी. सिंह उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य एवं क्षेत्रीय अपर संचालक सरगुजा संभाग अम्बिकापुर, डॉ. रिजवान उल्ला ने की।

उद्घाटन सत्र की शुरूआत माँ सरस्वती के छायाचित्र पर माल्यार्पण एवं वंदना के साथ हुई।  महाविद्यालय के आई. क्यू.ए.सी. के समन्वयक, डॉ. अनिल कुमार सिन्हा द्वरा स्वागत उद्बोधन एवं कार्यक्रम के उद्देश्य पर प्रकाश डाला गया। उन्होंने कहा कि फैकल्टी को नवाचारों से युक्त होना चाहिए, फैकल्टी नवाचार को समझने का प्रयास करें और नई पीढ़ी तक उसे पहुंचाने का प्रयास करें। यही इस कार्यक्रम का उद्देश्य है।

अंग्रेजी विभाग से सहायक प्राध्यापक डॉ. एस.एन. पाण्डेय ने कहा कि ज्ञान किसी व्यक्ति की विरासत या धरोहर नहीं है। इस क्षेत्र में हमेशा इनोवेशन होते रहे है। डॉ. आर.पी.सिंह ने कहा कि एफ.डी.पी. आज की जरूरत है और विभिन्न विषयों पर लगातार होना चाहिए।

मुख्य अतिथि प्रो. पी.पी. सिंह, आत्मावलोकन पर जोर देते हुए कहा कि हमें अपने कार्य के प्रति लगाव होना चाहिए एवं शिक्षक को ईमानदार होना चाहिए तभी इस तरह के कार्यक्रम का औचित्य होगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान में बदलाव की जरूरत है हमें चाहिए कि हम अपने समाज एवं राष्ट्र की रक्षा करें।

अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुये महाविद्यालय के प्राचार्य ने कहा कि हम अपने आपको पहचानेंगे, तभी विकास होगा, तथा नवाचार को सीखने के लिये ऐसे कार्यक्रम कराये जायें। शिक्षक होने के नाते हम यह जानें कि हम छात्रों को क्या दे रहे है, ज्ञान कभी खत्म नहीं होता बल्कि सीखने की प्रक्रिया हमेशा चलती रहती है।

अंत में धन्यवाद ज्ञापन के लिये कार्यक्रम के संयोजक डॉ. उमेश कुमार पाण्डेय द्वारा किया गया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. कामिनी द्वारा किया गया, आयोजन सचिव डॉ. कविता कृष्णमूर्ति की सराहनीय भूमिका रही। कार्यक्रम में महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापक एवं ऑनलाइन के माध्यम से जुड़े लगभग 90 प्रतिभागी थे।

यह कार्यक्रम आगामी 6 दिनों तक चलेगा जिसमें भारतीय ज्ञान परम्परा पर देश के अनेक प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों के विद्वानों द्वारा व्याख्यान दिये जायेंगें। यह कार्यक्रम ऑनलाइन / ऑफलाइन मोड में संचालित किया जा रहा।


अन्य पोस्ट