सरगुजा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोंडागांव, 25 जनवरी। जिला अंतर्गत संचालित प्राथमिक शाला जोन्दरा पदर में छत्तीसगढ़ शासन स्कूल शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार वंदे मातरम दिवस का आयोजन किया गया।
प्रधान पाठक मधु तिवारी ने वंदे मातरम गीत के इतिहास के बारे बच्चों को बताया कि वंदे मातरम गीत की रचना 1876 में बंकिम चंद चटोपाध्याय द्वारा कई गई थी, 1882 में यह सर्वप्रथम आनंद मठ उपन्यास में प्रकाशित हुआ। 24 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान सभा द्वारा इसे राष्ट्रीय गीत के रूप में मान्यता दी गई।
सर्वप्रथम इसे कोलकाता के राष्ट्रीय अधिवेशन में 1896 में गाया गया था। इस अवसर पर नन्हे मुन्ने बच्चों द्वारा सामूहिक रूप से राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम का सस्वर गायन प्रस्तुत किया । हाथ में तिरंगा ध्वज लिए अपनी मातृभूमि एवं देश की एकता अखंडता के प्रति अपनी भावनायें अपने गायन के माध्यम से प्रस्तुत की। शिक्षिका रेणुका नाग ने भी वंदे मातरम दिवस के आयोजन में महवपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया।