सरगुजा

भाजपा नेता भारत के नेतृत्व में मां महामाया निर्माण समिति ने चलाई थी मुहिम, आस्था में जुड़ा पूरा शहर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अम्बिकापुर, 5 जनवरी। सरगुजा की आराध्य देवी मां महामाया मंदिर का प्रवेश द्वार अब पूरे तरीके से आकर ले चुका है और लगभग बनकर तैयार हो गया है। महामाया मंदिर के प्रवेश द्वार का भव्य रूप से उद्घाटन किया जाना है।
उद्घाटन को लेकर महापौर डॉ. अजय तिर्की ने बताया कि प्रवेश द्वार का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है, 7 जनवरी को दोपहर 12 बजे पूर्व उपमुख्यमंत्री टी एस सिंह देव, सांसद चिंतामणि महाराज, अंबिकापुर विधायक राजेश अग्रवाल सहित सभी पार्षद व शहर के वरिष्ठ नागरिकों की उपस्थिति में प्रवेश द्वार का भव्य रूप से उद्घाटन किया जाएगा।
मां महामाया मंदिर के प्रवेश द्वार को लेकर भाजपा नेता भारत सिंह अग्रणी भूमिका में रहे। श्री सिसोदिया के अथक प्रयास एवं आंदोलन के बाद अंतत: शासन से प्रवेश द्वार को लेकर 48 लाख रुपए की राशि स्वीकृत हुई और फिर काफी लंबे अरसे बाद प्रवेश द्वार अब पूरी तरह से आकर ले चुका है और इसका उद्घाटन 7 जनवरी को भव्य रूप से करने की योजना है।
गौरतलब है कि मां महामाया मंदिर के प्रवेश द्वार को सर्वप्रथम जिला कांग्रेस कमेटी के महामंत्री राजीव अग्रवाल के पिता समाजसेवी स्वर्गीय सीताराम अग्रवाल ने बनवाया था। जिसे सडक़ चौड़ीकरण के नाम पर नगर निगम के द्वारा तोड़ दिया गया था। इसके पश्चात नगर निगम ने स्वयं के व्यय से लोहे का प्रवेश द्वार बनाया था, जिसे सडक़ चौड़ीकरण के नाम पर फिर से तोड़ दिया गया था। निर्माण के नाम पर समय-समय पर तोड़े जाने के बाद कई महीनों तक प्रवेश द्वार नहीं बन पाया था।
कई उतार चढ़ाव, कई बैठकों के बाद आज मूर्त रूप में आस्था
प्रवेश द्वार निर्माण को लेकर मां महामाया मंदिर प्रवेश द्वार निर्माण समिति का गठन किया गया और स्वयं के पैसे से निर्माण कराने का निर्णय लिया गया था,इसके लिए समिति द्वारा कई बार आंदोलन भी किया गया। इसी बीच भाजपा समर्थित 20 पार्षदों के द्वारा भी एक-एक लाख रुपए पार्षद निधि से स्वेच्छा अनुदान देने की घोषणा की गई थी। इसी बीच मां महामाया मंदिर प्रवेश द्वार निर्माण समिति द्वारा डब्बा लेकर राशि संग्रहित करने सडक़ पर निकला गया,जिसके पहले दिन ही 10 हजार रुपए राशि संग्रहित हुई थी।
इसके बाद कांग्रेस भी एक्टिव हुई और तब गरमागरमी के बीच समझौते के टेबल पर बैठा गया और फिर नगर निगम में बैठक हुई, तब सभी 48 पार्षदों द्वारा एक-एक लाख रुपये अनुदान देने से प्रवेश द्वार बनना तय हुआ, उसमें भी काफी विलंब हुआ। फिर इसी बीच पता लगा कि पार्षद निधि से इसमें निर्माण नहीं कर सकते, इसके बाद प्रवेश द्वार निर्माण को लेकर शासन को प्रस्ताव गया और फिर स्वीकृति भी मिल गई और फिर लंबे अंतराल के बाद निर्माण कार्य शुरू हुआ। अब वर्तमान में प्रवेश द्वार पूरी तरह से आकार ले चुका है, इसके उद्घाटन को लेकर नगर निगम द्वारा भव्य रूप से तैयारी की जा रही है। समिति इस चौक को महामाया चौक के नाम से भी नामकरण किए जाने की भी मांग कर रही है।
चिलम चौक की पहचान से मिलेगी मुक्ति-भारत सिंह सिसोदिया
भाजपा नेता भारत सिंह सिसोदिया ने कहा कि मां महामाया मंदिर प्रवेश द्वार बनकर तैयार हो रहा है, माँ महामाया मंदिर प्रवेश द्वार निर्माण समिति के सदस्यों की पहल/आंदोलन/संघर्ष,शहर के सभी 48 पार्षदों के उत्साहपूर्ण सहयोग से यह प्रवेश द्वार निर्मित हो रहा है। अब शहर में महामाया चौक की जगह बनी चिलम चौक की पहचान से मुक्ति मिलेगी और जनआस्था के प्रतीक रूप में पुरानी पहचान महामाया चौक स्थापित होगी।