सरगुजा

इलाज में लापरवाही और समय पर खून नहीं मिलने का आरोप
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अम्बिकापुर, 23 दिसंबर। मेडिकल कॉलेज अस्पताल के मातृ शिशु वार्ड में भर्ती महिला के मौत के बाद परिजनों ने हंगामा किया। परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए सरकार से मुआवजे की मांग की है। परिजनों का आरोप है कि भर्ती मरीज को देरी से खून चढ़ाने और सही समय में उपचार न करने के कारण मरीज की मौत हुई है।
जानकारी के मुताबिक़ मनेन्द्रगढ़ निवासी प्रमिला को प्रसव पीड़ा पर मनेन्द्रगढ़ अस्पताल में परिजनों ने भर्ती कराया था, जहां से बैकुंठपुर अस्पताल ले जाया गया, जहां महिला की डिलीवरी हुई और उसने एक पुत्र को जन्म दिया, जिसके बाद से ही महिला की स्थिति बिगडऩे लगी। महिला की स्थिति को देखते हुए डॉक्टर के द्वारा उसे मेडिकल कॉलेज अस्पताल अंबिकापुर रेफर किया गया।
परिजनों के द्वारा मेडिकल कॉलेज अस्पताल के मातृ शिशु वार्ड में महिला को भर्ती कराया गया, जहां महिला की मौत हो गई। सोमवार की सुबह महिला के परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा मचाया।
मृतक महिला का पति सोनू यादव सहित अन्य परिजनों का आरोप है कि अस्पताल में महिला का सही इलाज नहीं किया गया। इलाज में लापरवाही और समय पर खून नहीं चढ़ाने की वजह से महिला की मौत हुई है, साथ ही परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर आरोप लगाया है कि महिला को ब्लड की आवश्यकता थी, पर अस्पताल में ब्लड नहीं होने के कारण परिजनों को ब्लड खोजने घंटों मशक्कत करनी पड़ी, और ब्लड मिलने के बाद भी अस्पताल प्रबंधन के द्वारा ब्लड चढ़ाने में देरी की गई है, जिसके कारण से महिला की मौत हुई है, अब परिजन सरकार से मुआवजे की मांग कर रहे हैं।
इधर, इस पूरे मामले को लेकर मेडिकल कालेज अस्पताल के उप अधीक्षक डॉ. जेके रेलवानी ने बताया कि बैकुंठपुर से रेफर आने पर महिला को मातृ शिशु वार्ड में भर्ती कर इलाज किया जा रहा था। महिला में हीमोग्लोबिन की कमी और जांच में पता चला कि महिला को सिकलिन की पुरानी बीमारी थी। बैकुंठपुर अस्पताल में डिलीवरी होने के बाद उसे रेफर करने महिला को गंभीर अवस्था में अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इधर परिजनों के आरोप पर अस्पताल के उप अधीक्षक ने जांच करने की बात कही है।
गौरतलब है कि ऐसा पहला मामला नहीं है कि जब अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगा हो, इससे पूर्व में भी कई गंभीर आरोप अस्पताल प्रबंधन पर लगा चुके हैं। मातृ शिशु वार्ड में जच्चा बच्चा की मौत हो या फिर बिना इलाज किये मरीजों को वापस भेजने का मामला हो, ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं, वहीं एक बार फिर अस्पताल में भर्ती महिला मरीज की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया है।