सरगुजा

नौ दिनों की आराधना के बाद मां दुर्गा को दी विदाई धूमधाम से निकली माता रानी की विसर्जन यात्रा
13-Oct-2024 9:53 PM
 नौ दिनों की आराधना के बाद मां दुर्गा को दी विदाई   धूमधाम से निकली माता रानी की विसर्जन यात्रा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

अम्बिकापुर,13 अक्टूबर। रविवार को नगर के दुर्गा पंडालों में विराजी माता रानी का विसर्जन धूमधाम से किया गया। कई जगह शोभायात्रा निकालते हुए श्रद्धालुओं ने माता के जयकारे लगाए।

अनोखी सोच संस्था ने भी रविवार को मातारानी की विसर्जन यात्रा धूमधाम से निकाली। अलौकिक सौंदर्य से सजी हुई भव्य मूर्तियों के साथ नंदिनी,भगवान शंकर,मां काली,मां दुर्गा एवं भूत का रूप धारण किए लोगों ने विसर्जन यात्रा को और भी मनमोहक बना दिया। मोहल्ले वासी आकर्षक परिधान पहनकर, माता की चुनरी ओढ़े गीत-संगीत पर जबरदस्त नृत्य प्रस्तुत किए। महिलाओं, बालिकाओं ने पूरे जोश व उत्साह के साथ मातारानी के गीत पर भाव-आधारित नृत्य किया।

विसर्जन यात्रा बाबा-विश्वनाथ एवं हनुमान मंदिर से शुरू होकर अग्रसेन चौक, महामाया चौक, संगम चौक होते हुए पुन: मंदिर के पास आई। सामूहिक नृत्य के बाद सांड़बार बिलासपुर रोड स्थित तालाब में विसर्जन यात्रा पहुंची। नौ दिनों तक माता की आराधना में डूबे भक्तों ने नम आंखों से माता को विदाई दी।

देर रात तक विसर्जन, सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था

देर रात तक शोभायात्रा शहर के मुख्यमार्गों से होकर विसर्जन स्थलों तक पहुंची। शहर से लगे शिवधारी तालाब एवं शंकरघाट सहित रिंगरोड स्थित तालाबों में दुर्गा प्रतिमाएं विसर्जित की गई। पुलिस द्वारा विसर्जन स्थलों पर सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था की गई थी। विसर्जन स्थलों पर लाइटनिंग भी की गई थी।

बंगाली समाज ने सिंदूर खेला के साथ दी विदाई

बंगाली समाज द्वारा स्थापित दुर्गा बाड़ी भंडार में सिंदूर खेला के साथ मां दुर्गा को विदाई दी गई। बंगाली समाज द्वारा दुर्गा बाड़ी भंडार में 75 वर्षों से दुर्गा पूजन का आयोजन किया जा रहा है। बांग्ला परंपरा के अनुरूप महिलाओं ने मां दुर्गा की पूजा-अर्चना कर एक-दूसरे को सिंदूर लगाया एवं मां दुर्गा को विदाई दी गई। सिंदूर खेला की परंपरा बंगाली समाज ने आज भी कायम रखा है।

 


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