सरगुजा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अंबिकापुर, 21 अगस्त। अम्बिकापुर सहित पूरे सरगुजा में भाई बहन के अटूट प्रेम व स्नेह का पर्व रक्षाबंधन धूमधाम से मनाया गया। रक्षाबंधन भाई बहन के अटूट प्रेम व स्नेह का पर्व है। इसमें कलाई में राखी बांधने का विशेष महत्व है। बहनें भाई की कलाई पर राखी बांधकर उनसे अपनी रक्षा का वचन लेती हैं। भाई भी इसे बखूबी निभाते हैं।
गौरतलब है कि पिछले साल कोरोना महामारी की व्यापकता के चलते घर से दूर भाइयों के लिए बहनों ने लंबी उम्र और खुशियों की कामना की थी। इस बार पहले से काफी हालात बेहतर हैं। इस बार पूरे हर्षोल्लास के साथ राखी का पर्व मनाया गया। भाइयों ने राखी बांधने कीखुशी में बहनों को कपड़े, ड्राई फ्रूट्स से लेकर अन्य गिफ्ट की सामग्री दी। राखी के दिन भी राखी बेचने वालों की दुकानों पर रौनक दिखी। नगर के घड़ी चौक से देवीगंज रोड, स्कूल रोड, राम मंदिर रोड, बिलासपुर चौक सहित गली मोहल्लों तक में राखी का बाजार गुलजार रहा।
बदलते दौर के साथ पसंद व परंपरा भी बदल रही है। एक जमाना था, जब सादे रेशमी धागे व सितारों से जड़ी राखी को बहन अपने भाई की कलाई पर बांधती थीं। रेशमी धागा व सितारों की जगह अब फैंसी राखियों ने ले ली है। राखी बनाने का अंदाज अब एकदम बदल गया है। हालांकि इनमें भी रेशम और सितारे मौजूद हैं।
आमतौर पर पहले बाजार में चीनी राखियों का ही कब्जा था, लेकिन अब चाइनीज सामान का बहिष्कार के साथ ही लोगों का स्वदेशी पर विश्वास बढ़ा है। स्वदेशी राखियां हर वर्ग की पसंद बनी हैं और इनकी जमकर खरीदारी हुई।