सरगुजा

नस्ल सुधार एवं दुग्ध उत्पादन को मिलेगी नई दिशा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अम्बिकापुर,11 अगस्त। सेक्स सार्टेड सीमेन तकनीक से कृत्रिम गर्भाधान के क्षेत्र में नवाचार करने वाला सरगुजा छत्तीसगढ़ का पहला जिला बन गया है। साल भर पहले जुलाई माह में शुरू की गई इस नवाचार के सकारात्मक परिणामस्वरूप अगस्त माह में कृत्रिम गर्भाधान किये गए दो गाय ने बछिया को जन्म दिया है।
कलेक्टर संजीव कुमार झा के मार्गदर्शन में पशुचिकित्सा विभाग द्वारा अमेरिकन तकनीक सेक्स सॉर्टेड सीमेन के द्वारा कृत्रिम गर्भाधान से नस्ल सुधार कार्यक्रम की शुरुआत पिछले वर्ष जुलाई माह में शुरू की गई। जिले के 7 विकासखंडों के विभिन्न ग्रामो के 200 गायों में इस तकनीक से कृत्रिम गर्भाधान किया गया है। इस नवाचार के लिए जिला प्रशासन द्वारा पशु रोगी कल्याण समिति से 3 लाख रुपये पशु चिकित्सा विभाग को स्वीकृत किया गया। यह अमेरिकी तकनीक है, जिसका पेटेंट अमेरिका की एस टी जेनेटिक्स के पास है जो पूरी दुनिया को सेक्स सॉर्टेड सीमेन प्रदाय करती है। सरगुजा जिले में सेक्स सॉर्टेड सीमेन को लाइवस्टोक डेवलपमेंट बोर्ड उत्तराखंड से मंगाया गया है ।
कलेक्टर श्री झा ने इस तकनीक के बेहतर परिणाम को देखते हुए इसे और विस्तारित करने के लिए पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारियो को दिए है।
कृत्रिम गर्भाधान के केंद्र प्रभारी डॉ. सीके मिश्रा ने बताया कि पशु चिकित्सा विभाग द्वारा छत्तीसगढ़ में सरगुजा जिले में सबसे पहले इस प्रकार के सीमेन का उपयोग किया गया एवं इसके सुखद परिणाम आ रहे हैं।
इस कृत्रिम गर्भाधान से अगस्त माह में अंबिकापुर के गोधनपुर के पशुपालक और उदयपुर विकासखंड के केसगवा ग्राम के पशुपालक के गाय ने बछियों को जन्म दिया है। उपरोक्त तकनीक को सरगुजा के पशुपालकों के लिए 75 प्रतिशत अनुदान पर प्रदाय किया गया है ताकि पशु पालकों में जागरूकता बढ़े।
नस्ल सुधार और दुग्ध उत्पादन को मिलेगी नई दिशा- सेक्स सॉर्टेड सीमेन तकनीक में सीमेन से वॉय क्रोमोसोम को अलग कर दिया जाता है, जिससे 90 से 95 फीसदी तक बछिया पैदा होने की संभावना होती है। सरगुजा जिले में इस तकनीक के विस्तारित होने से नस्ल सुधार और दुग्ध उत्पान को नई दिशा मिल सकती है। उन्नत नस्ल के बछिया होने पर पशुपालक दुग्ध उत्पादन में रुचि लेंगे।