सूरजपुर
बांध में बेसमेंट सही नहीं होने के कारण बह गया था पूरा पानी-किसानों का आरोप
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
प्रतापपुर, 25 मार्च। मंगलवार को सूरजपुर जिला पंचायत अध्यक्ष चंद्रमणी पैकरा ने रेवटी में किसानों की फसल का निरीक्षण कर उनकी समस्याओं को समझा। इस दौरान उन्होंने सिंचाई व्यवस्था को लेकर ओढ़वा नदी पर स्थित एनीकट का भी भौतिक निरीक्षण किया।
किसानों का आरोप है कि 4 करोड़ से बनी एनीकट बांध अनियमितता की भेंट चढ़ गई और सैकड़ों किसानों की फसल को बर्बाद कर दिया, जिससे किसान आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। किसानों की समस्या को लेकर प्रमुख खबर प्रकाशन के बाद जिले के अधिकारी सहित जनप्रतिनिधियों में हडक़ंप मच गया।
एनीकट तक पहुंचने के लिए जिला पंचायत अध्यक्ष ने पगडंडी के रास्तों से होकर पूरी स्थिति का जायजा लिया और किसानों की समस्याओं को गंभीरता से समझा और फोन पर सिंचाई विभाग के अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई, वहीं इसकी शिकायत कलेक्टर सूरजपुर से भी की गई तथा किसानों की समस्या को लेकर गंभीरता दिखाते हुए मुआवजे की मांग की गई।
जिला पंचायत अध्यक्ष चंद्रमणी पैकरा ने अनियमितता की भेंट चढ़े बांध पर अधिकारी सहित ठेकेदार के ऊपर कार्रवाई कराने की बात कही।
निरीक्षण के दौरान श्रीमती पैकरा ने संबंधित अधिकारियों को दिशा-निर्देश देते हुए कहा कि तीन दिनों के भीतर एनीकट में जलभराव की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, जिससे किसानों को सिंचाई में किसी प्रकार की कठिनाई न हो।
उन्होंने किसानों की स्थिति पर चिंता जताते हुए कहा कि किसान हमारे देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी हैं। उनकी व्यथा और समस्याओं का समाधान करना हमारी प्रथम प्राथमिकता है। किसानों की समृद्धि से ही राष्ट्र का विकास संभव है।
निरीक्षण के मौके पर ग्राम रेवटी के बड़ी संख्या में किसान उपस्थित रहे, जिनमें प्रमुख रूप से अवधेश गुप्ता, सतनारायण गुप्ता, अरुण गुप्ता, आलम चंद आयम, अंशुमान पटेल सोनू गुप्ता संजू पटेल लवलेश पटेल सहित अन्य किसान भी बड़ी संख्या में मौजूद रहे। गौरतलब है कि 4 करोड़ से लागत से बनी यह बांध सिंचाई विभाग के द्वारा बनाई गई है। ग्रामीणों का आरोप है कि कार्य में अनियमितता के कारण बेसमेंट सही नहीं होने के कारण पूरा पानी बह गया।
किसानों का कहना है कि यह बांध बनने से किसानों को नई किरण की आशा दिखाई दी थी। किसानों ने इस बांध पर भरोसा कर करीब 500 हेक्टेयर भूमि में दोनों तरफ कई तरह के फसल लगा दिए थे। अब पानी बह जाने से सैकड़ों किसान इससे प्रभावित हो गए हैं।


