राजपथ - जनपथ
अस्पताल में उम्मीद से...
प्रदेश के कई अफसर-नेता कोरोना संक्रमित हो गए हैं। सभी का इलाज अलग-अलग अस्पतालों में चल रहा है। एम्स में तो न सिर्फ रायपुर बल्कि दूसरे जिले के कई नेता एडमिट हैं। इन सभी की हालत भी ठीक है। कांग्रेस के नेताओं में दौलत रोहरा, शारिक रईस खान, शांतनु और एनएसयूआई अध्यक्ष आकाश शर्मा सहित कई अन्य का इलाज चल रहा है। कांग्रेस के नेता आपस में एक-दूसरे के संपर्क में रहते हैं और मोबाइल से घंटों एक-दूसरे से बतियाते हैं। अब निगम-मंडलों की दूसरी सूची जारी होनी है। ऐसे में सूची के नामों को लेकर ही ज्यादा चर्चा होती है। दिलचस्प बात यह है कि ये सभी नेता निगम-मंडल के दावेदार भी हैं। खुद सीएम और अन्य बड़े नेता भी उनका कुशलक्षेम पूछ चुके हैं। अस्पताल से तो देर सवेर छुट्टी हो जाएगी, ऐसे में आगे को लेकर सोचना गलत भी नहीं है।
महिला अफसर हटाने में लगे विधायक...
विपक्ष के एक प्रमुख विधायक अपने इलाके की महिला डीएफओ को हटाने के अभियान में जुटे हैं। डीएफओ की छवि साफ-सुथरी और तेजतर्रार अफसर की है। वे छत्तीसगढिय़ा भी हैं। वे बिना किसी दबाव के अपने इलाके में अवैध गतिविधियों के खिलाफ सख्त अभियान चला भी रहीं हैं। मगर यह सब विधायक को रास नहीं आ रहा है। दरअसल, विधायक महोदय चाहते हैं कि उनके इलाके में किसी तरह के अभियान शुरू करने से पहले उन्हें विश्वास में लिया जाए।
इससे पहले के डीएफओ इस तरह की परम्परा निर्वाह करते थे, लेकिन महिला डीएफओ बिना किसी भेदभाव के वन कानून तोडऩे वालों के खिलाफ कार्रवाई कर रही हैं। इलाके में सालभर से अधिक हो गया है, लेकिन उन्होंने विधायक को पूछा तक नहीं। इससे विधायक खफा हैं। कई बार अच्छे काम पर भी शिकवा-शिकायतें होती रहती हैं। कुछ ऐसा ही महिला डीएफओ के साथ हो रहा है। ये अलग बात है कि सरकार ने अभी शिकायतों को गंभीरता से नहीं लिया है। क्योंकि अच्छे काम के बावजूद अचानक तबादले से अफसरों-कर्मियों के मनोबल पर असर पड़ता है।
भूतपूर्व पुलिस की बददिमागी!
लोगों को कानून तोडऩे की कीमत पर भी अटपटा काम करना सुहाता है। और खासकर तब जब पुलिस इन पर तगड़ा जुर्माना न करती हो, तब तो यह अटपटापन स्थायी हो जाता है। आज सुबह छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में दिखी यह गाड़ी नंबर प्लेट से कुछ ऐसा बता रही है कि यह भूतपूर्व छत्तीसगढ़ पुलिस की गाड़ी है। नंबर प्लेट पर तो वर्तमान को भी लिखने की छूट नहीं है, लेकिन यह भूतपूर्व होने के साथ-साथ नियमों के खिलाफ नंबर प्लेट पर लिखा गया दावा है। सब कुछ हिन्दी में, अक्षर भी, और अंक भी। अब यह सुबूत पुलिस के सामने है, देखें कि वह अपने इस भूतपूर्व साथी का क्या करती है।