राजनांदगांव

रोजगार सहायिका पर फर्जीवाड़ा का आरोप
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
गंडई , 23 जून। ग्राम पंचायत रोड अतरिया के पंचों एवं ग्रामीणों ने संयुक्त रूप से मंगलवार को रोजगार सहायिका महेश्वरी यादव के खिलाफ कलेक्टर एवं सीईओ को लिखित शिकायत की।
मिली जानकारी के अनुसार 19 मई को ग्राम पंचायत रोड अतरिया के पंचों एवं ग्रामीणों ने छुईखदान जनपद सीईओ को लिखित शिकायत की थी, जिस पर जनपद पंचायत छुईखदान से टीम बनाकर 2 जून को जांच भी करवाया गया था, जहां जांच टीम ने शिकायतकर्ताओं सहित रोजगार सहायिका का बयान लिया था। जनपद पंचायत छुईखदान से गठित टीम द्वारा जांच किए जाने के बाद लगभग दिनों तक उक्त मामले पर सीईओ प्रकाशचंद तारम द्वारा कोई कार्रवाई नहीं किया गया, बल्कि जांच के दौरान मील नए शिकायत के लिए पुन: जांच टीम का गठन कर दिया गया और बताया गया कि पुन: जांच किया जाना है।
ग्रामीणों का कहना है कि जब प्रथम बार आए जांच टीम ने जांच किया तो रोजगार सहायिका द्वारा किए गए फर्जीवाड़ा का प्रमाण मिल गया, इस पर कार्रवाई किया जाना था, परंतु पुन: जांच के नाम पर जनपद सीईओ रोजगार सहायिका अपने पक्ष में फर्जी सबूत लाने और बचाने का प्रयास कर रहे हैं।
जनपद पंचायत छुईखदान से रोजगार सहायिका द्वारा किए फर्जीवाड़ा पर उचित कार्रवाई न होते देख आज रोड अतरिया के पंच और ग्रामीण कलेक्टर के पास न्याय मांगने पहुंचे और लिखित आवेदन दिए हैं। कलेक्टर के अलावा जिला सीईओ के पास भी आवेदन दिए हैं। उक्त मामले पर उच्च स्तरीय जांच और कार्रवाई के लिए गुहार लगाए। लिखित शिकायत में पंचो एवं ग्रामीणों ने मिलकर रोजगार सहायिका महेश्वरी यादव के खिलाफ भूमि सुधार के कार्य में फर्जीवाड़ा के अलावा 5 नए मामलों पर और शिकायत किया है।
जाने क्या था पूरा मामला
16 जुलाई 2020 को विश्राम निषाद पिता ठेलु निषाद के नाम पर भूमि सुधार का काम आया था, जिसके पश्चात विश्राम निषाद की मृत्यु 28 अगस्त 2020 को हो गया था। हितग्राही के मृत्यु हो जाने के बाद रोजगार सहायक द्वारा बिना पंचनामा तैयार करवाए ही उक्त मृतक विश्राम निषाद के भूमि सुधार के कार्य को 23 अप्रैल 2021 से 30 अप्रैल 2021 तक एवं 1 मई 2021 से 8 मई 2021 तक करवाया गया। इसी प्रकार शत्रुहन लोधी पिता रामजी लोधी के नाम पर भूमि सुधार का कार्य 12 दिसंबर 2020 को आया, जिसके पश्चात 13 जनवरी 2021 को शत्रुहन लोधी की मृत्यु हो गया था। इस मामले पर भी बिना किसी पंचनाम या पंचायत के सहमति के रोजगार सहायिका द्वारा मनमर्जी किया गया और कार्य करवाया गया। उक्त मामले को लेकर पंचायत के पंचों एवं ग्रामीणों ने लिखित शिकायत किया था।