राजनांदगांव
.jpg)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 21 जुलाई। सावन के दूसरे सोमवार को शहर शिवभक्तों से सरोबार रहा। पूरा शहर शिवमय हो गया। कांवड़ यात्रा और बाबा की पालकी कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह और महापौर मधुसूदन यादव समेत शिव भक्तों ने कांवडिय़ों पर फूल बरसाकर उनका स्वागत किया। वहीं डॉ. सिंह और महापौर ने मंजीरा बजाकर भी भक्तिमय माहौल को गति दी।
शहर के मोहारा स्थित शिवनाथ नदी के तट से बोल बम के जयघोष के साथ कांवडिय़ों का अलग-अलग जत्था शहर के विभिन्न क्षेत्रों में स्थित शिव मंदिरों में जलाभिषेक के लिए रवाना हुआ। जत्थों में महिलाओं की भी खासी तादाद रही। सावन के महीने में अलग-अलग क्षेत्रों से यात्राएं निकल रही है। इसी कड़ी में आज बाबा की पालकी यात्रा निकाली गई। स्थानीय नंदई चौक में डॉ. सिंह और श्री यादव के अलावा अन्य भाजपा नेताओं और शिवभक्तों ने कांवडिय़ों का जोशीला स्वागत किया। इससे पहले शिवनाथ नदी से आज सुबह कई जत्थे जल लेकर रवाना हुए। शिव मंदिरों में विधि-विधान से पूजा-अर्चना की गई। जलाभिषेक के लिए आज सुबह से ही शिवालयों में भक्तों का तांता लगा रहा।
मंदिरों में भक्तों ने लगाए बोल-बम के जयघोष
सावन के आज दूसरे सोमवार को मंदिरों व देवालयों में भक्तों की भीड़ उमड़ी रही। वहीं कांवरिये भी नदी से जल लेकर मंदिरों में पहुंचते नजर आए। यहां हर-हर महादेव व बोल-बम के नारे लगाते बढ़ते गए। सावन मास के दूसरे सोमवार होने की वजह से मंदिरों में सुबह से ही भक्तगण पूजन सामग्रियों के साथ पहुंचकर बोलबम और हर-हर महादेव के जयघोष किए। मंदिरों में सुबह से ही महिलाएं व युवतियों तथा युवक व पुरूष भी मंदिरों में पहुंचकर भगवान भोलेनाथ को जलाभिषेक कर धतुरा पत्ता भी अर्पित किया। इसके अलावा अन्य पूजन सामग्रियों भी चढ़ाई गई।
सावन मास का दूसरा सोमवार होने की वजह से स्थानीय शिवालयों में जलाभिषेक करने के साथ भक्तगण देश के प्रसिद्ध शिवस्थलों में दर्शन व आराधना करने के लिए जाते हैं। वहीं कुछ कांवरिये हर सोमवार को जल अर्पित करने के लिए मंदिर में पहुंचते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार भक्तगण सोमवार को व्रत रखने के अलावा भगवान शिव की प्रांसगिकता को व्यवहारिक जीवन में उतारने का संकल्प लेते हैं। सावन माह में भगवान शिव को प्रसन्न करने युवतियों की खास रूचि होती है।
युवकों की तुलना में युवतियां पूरे माह कठिन उपवास रखकर मनवांछित कामना करती है। यही कारण है कि शिवालयों में सभी वर्गों में युवतियों की तादाद अधिक होती है। इधर आज सुबह से ही मंदिरों में जलाभिषेक करने के साथ ही भक्तों ने दूध से भी शिवलिंगों को स्नान कराया। इसके अलावा धतुरा, बेलपत्री समेत अन्य पूजा सामाग्री को भी भक्तों ने भगवान शिव को अर्पित किया।
साल दर साल भगवान शिव की पूजा-अर्चना के लिए युवतियों के साथ युवकों में भी रूचि बढ़ी है। सावन महीने को भक्ति की लिहाज से बेहद ही महत्वपूर्ण माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव की आराधना के लिए यह महीना सबसे पवित्र होता है, इसलिए माहभर घरों से लेकर अन्य सार्वजनिक स्थलों में भगवान शिव की स्तुतिगान होती रहती है। इधर शहर के बड़े शिवालयों में आज भक्तों का सुबह से ही तांता लगा रहा।