राजनांदगांव

कोरोना से विजय को मिली जीत
30-Apr-2021 6:40 PM
कोरोना से विजय को मिली जीत

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 30 अप्रैल। 
कोविड-19 संक्रमण से स्वस्थ होकर आए विजय मानिकपुरी ने कहा कि धैर्य, इच्छाशक्ति से ही इस बीमारी को जीत सकते हैं। मोहारा (नंदई) राजनांदगांव के 36 वर्षीय विजय ने बताया कि बुखार आने पर उन्होंने टेस्ट करवाया और कोरोना पॉजिटिव की रिपोर्ट मिलते ही वहीं से कोविड-19 हॉस्पिटल पेंड्री चले गए। उन्होंने कहा कि कोरोना के कोई भी लक्षण हो तो जल्दी टेस्ट करवाएं और इलाज तत्काल आरंभ होने पर यह बीमारी जल्दी ठीक होती है। 

उन्होंने बताया कि हॉस्पिटल जाने के बाद मन में तनाव हो रहा था, ऐसी स्थिति में अपने भाई, बहन एवं परिवारजनों से बात कर मन को हिम्मत मिली। घर पर सब यह कहते थे कि घबराने की जरूरत नहीं है और इस बीमारी से जल्दी ठीक होकर घर आना है। 

श्री मानिकपुरी ने बताया कि इंजेक्शन एवं दवाई मिलने से तबियत ठीक होने लगी। बुखार ठीक होने से स्थिति में सुधार हुआ। खांसी लगातार आने की वजह से दिक्कत हुई, लेकिन इसके लिए भी दवाईयां लेने से स्थिति बेहतर हुई। योग करने से अच्छा महसूस हुआ। उन्होंने बताया कि कोविड-19 हॉस्पिटल में उनके आसपास एडमिट मरीजों से उनकी दोस्ती हो गई। सभी एक कठिन दौर से गुजर रहे थे और दुख-दर्द साझा करने से मन हल्का हुआ। उन्होंने बताया कि डेडिकेटेड कोविड-19 हॉस्पिटल पेंड्री में बहुत अच्छा इलाज हुआ। 

उन्होंने बताया कि वे शासकीय दिग्विजय महाविद्यालय में सोशल वर्क विभाग में सहायक प्राध्यापक के पद पर कार्यरत हैं और वहां के प्राचार्य बीएन मेश्राम के मार्गदर्शन में कोविड-19 संक्रमण से बचाव के लिए नुक्कड़ नाटक एवं अन्य जागरूकता अभियान विद्यार्थियों के साथ मिलकर शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में चला रहे हैं।

स्नेहा ने ऑक्सीजन सेचुरेशन बढ़ाने  स्वप्रेरित किया प्रयास
श्रीमती स्नेहा लाल ने कहा कि कोविड-19 संक्रमण से लडऩे स्वप्रेरणा एवं आत्मबल की बहुत जरूरत है। स्टेशनपारा निवासी 41 वर्षीय स्नेहा ने कहा कि स्वस्थ होकर शीघ्र ही परिवार के बीच जाना है, इस बात से उन्हें बहुत ताकत मिली। उन्होंने बताया कि ऑक्सीजन सेचुरेशन 78 होने की वजह से कोविड-19 हॉस्पिटल पेंड्री में आईसीयू में रखा गया था। उसके बाद दूसरे दिन ऑक्सीजन मास्क लगाकर रहना पड़ा। समय पर दवाईयां और इलाज मिलने पर स्थिति में सुधार हुआ। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही यह महसूस हुआ है कि मुझे ऑक्सीजन मास्क के बिना अपना ऑक्सीजन सेचुरेशन बढ़ाना है और सामान्य जीवन में वापस आना है। इसके लिए मैंने योग एवं व्यायाम द्वारा प्रयास करना शुरू किया और सफल हुई। उन्होंने कहा कि मन में एक यही बात थी कि ऑक्सीजन मास्क पर निर्भर नहीं होना है और जल्दी ही ठीक होना है।

श्रीमती लाल ने बताया कि कोविड-19 पॉजिटिव होने के बाद वे 3 दिन तक होम आइसोलेशन में रही। 29 मार्च को तबियत खराब होने पर कोविड-19 हॉस्पिटल पेंड्री में एडमिट हुई। 
ऑक्सीजन सेचुरेशन कम था एवं फेफड़ों में दर्द था। डॉक्टर एवं वहां के स्टाफ की देखरेख में तबियत धीरे-धीरे ठीक होने लगी और 6 अप्रैल को हॉस्पिटल से डिस्चार्ज हुई। उनके पति विपिन लाल एवं उनके परिवारजनों ने उनका बहुत ध्यान रखा। विशेषकर उनकी सासू मां ने उन्हें बहुत हिम्मत दिलाई। क्रिश्चन परिवार होने के नाते सभी ने मेरे अच्छे स्वास्थ्य के लिए ईश्वर से प्रार्थना की। उन्होंने बताया कि वे संस्कार सिटी स्कूल ठाकुरटोला में शिक्षक है और अब बच्चों की ऑनलाइन क्लास ले रही हैं।
 


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