राजनांदगांव
बाढ़, आगजनी और दुर्घटना के दौरान बचाव का किया नमूना पेश
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 12 फरवरी। एनडीआरएफ की टीम ने शुक्रवार को राष्ट्रीय आपदा से बचाव के लिए स्थानीय रानीसागर सरोवर में मॉक एक्सरसाईज कर लोगों को बचाने के नमूने पेश किए। बाढ़, आगजनी और दुर्घटना होने की स्थिति में लोगों को मदद करने के तौर-तरीके से एनडीआरएफ की टीम ने कुछ नमूने पेश किए। स्थानीय रानीसागर सरोवर में एक्सरसाईज के जरिये हादसों में प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने का अभ्यास किया। कलेक्टर टीके वर्मा की मौजूदगी में रानीसागर सरोवर में पानी में डूबने वाले की कैसे बचाया जा सकता है, उसका भी नमूना पेश किया।
टीम के प्रशिक्षित दल द्वारा अलग-अलग आपदाओं की स्थिति में अपने साहसिक कार्यशैली का प्रदर्शन किया गया। अभ्यास प्रारंभ होने से पूर्व कलेक्टर ने टीम की कार्यशैली की सराहना करते एनडीआरएफ को आपदा विरोधी मुहिम का महत्वपूर्ण हिस्सा बताया। भारत सरकार बाढ़ की आशंका वाले क्षेत्र में एनडीआरएफ की तैनाती करती है।
मिली जानकारी के अनुसार उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटने पर बाढ़ की स्थिति निर्मित होने तथा बड़े शहरों में मल्टीस्टोरी बिल्डिंग में आग लग जाने जैसी घटनाओं में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन बल द्वारा सेवाएं दी जा रही है। रानीसागर तालाब में बाढ़ प्रभावितों की मदद के लिए मॉक एक्सरसाईज का आयोजन किया गया।
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार द्वारा 2006 में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन बल का गठन किया गया है। इस बल के दक्ष एवं प्रशिक्षित फोर्स द्वारा देश के किसी भी क्षेत्र में आपदा प्रबंधन के लिए त्वरित कार्य किया जाता है। वर्तमान में देशभर में 12 बटालियन कार्यरत है। आगामी दिनों में 15 बटालियन अपनी सेवाएं देंगी।