राजनांदगांव

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‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 30 जनवरी। छत्तीसगढ़ गठन के बाद राजनंादगांव जिले में पहली बार सरकारी स्तर पर 14 अरब की धान खरीदी प्रशासन ने की है। यह खरीदी महज दो माह की निर्धारित अवधि में हुई है। इस रिकार्डतोड़ खरीदी के पीछे धान की बंपर पैदावार होना भी एक प्रमुख वजह है। बताया जा रहा है कि राज्य सरकार के निर्धारित मियाद के मुताबिक 31 जनवरी तक धान खरीदी प्रस्तावित थी।
सरकारी अवकाश होने के कारण शुक्रवार 29 जनवरी को ही धान की खरीदी का आखिरी दिन था। लिहाजा किसानों ने आखिरी दिन रेलमपेल हालत में अपनी उपज बेची। हालांकि पंजीकृत किसानों में हजारों ने अपनी उपज नहीं बेची है। इसके पीछे अव्यवस्था को एक वजह माना जा रहा है।
बताया जा रहा है कि दो माह की धान खरीदी में एक लाख 86 हजार किसानों ने अपनी उपज बेची है। प्रशासन ने करीब 76 लाख क्विंटल धान की खरीदी की है। बीते वर्ष की तुलना में यह 10 लाख क्विंटल अधिक है। यानी सरकार ने अपने निर्धारित लक्ष्य को कम अवधि में पा लिया। हर साल राज्य सरकार 3 माह तक किसानों से उपज की खरीदी करती है। इस साल तकनीकी कारणों का हवाला देकर सरकार ने एक माह देरी से एक दिसंबर को धान खरीदी शुरू की।
जिले में धान बेचने के लिए एक लाख 96 हजार 80 किसानों ने पंजीयन कराया था। उसमें एक लाख 86 हजार 422 किसानों ने ही अपनी फसल बेची। इसके मुताबिक 8 हजार 500 किसानों ने अलग-अलग कारणों से धान नहीं बेचा। बताया जा रहा है कि आखिरी दिन 29 जनवरी को धान बेचने के लिए 2154 किसानों को टोकन दिया गया था। जिसमें से 1700 किसान ही धान बेचने केंद्रों में पहुंचे।
बताया जाता है कि रिकॉर्डतोड़ धान खरीदी करते हुए प्रशासन ने राज्य सरकार से मिले लक्ष्य को आसानी से पार कर लिया। पिछले साल की अपेक्षा में फसल बेचने के लिए 19 हजार किसानों ने अधिक पंजीयन कराया था। कुल मिलाकर धान खरीदी के लक्ष्य पाकर प्रशासन ने किसानों की उपज को खरीदने का पूरा प्रयास किया। हालांकि उपज बेचने से वंचित रहे किसानों ने अव्यवस्था होने से प्रशासन पर ही ठिकरा फोड़ा है।
इस संबंध में जिला सहकारी बैंक के सीईओ सुनील वर्मा ने ‘छत्तीसगढ़’ से कहा कि किसानों की पूरी फसल प्रशासन ने खरीदी है। बीते साल की तुलना से अधिक खरीदी की गई है। उन्होंने कहा कि राज्य गठन के बाद यह पहला अवसर है जब 14 अरब रुपए की धान खरीदी की गई है। इस बीच परिवहन नहीं होने से अब भी सोसायटियों में करोड़ों रुपए के धान रखे हुए हैं। इधर मौसम का मिजाज भी उलटफेर रहा है। बदली के कारण बारिश होने की भी संभावना रही है। बेहतर इंतजाम नहीं होने की सूरत में प्रशासन को नुकसान उठाना पड़ सकता है।