राजनांदगांव

शिक्षक संवर्ग का पदनाम बदलकर रखना चाहिए एमटीएस
24-Nov-2025 4:52 PM
शिक्षक संवर्ग का पदनाम बदलकर रखना चाहिए एमटीएस

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

राजनांदगांव, 24 नवंबर। शासकीय स्कूलों में शिक्षण व्यवस्था को सुदृढ़ करने के नाम पर राज्य सरकार ने शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण किया था, लेकिन सरकार ने स्कूलों के शिक्षकों को आवारा कुत्तों की जानकारी संकलित कर ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत तथा निगम को देने का अजीबो-गरीब फरमान जारी किया है।

छत्तीसगढ़ प्रदेश शिक्षक फेडरेशन के प्रांताध्यक्ष राजेश चटर्जी, प्रांतीय प्रमुख महामंत्री सतीश ब्यौहरे, जिला संरक्षक मुकुल साव, जिला अध्यक्ष पीआर झाड़े,  पीएल साहू,  जितेंद्र बघेल, सीएल चंद्रवंशी, वीरेन्द्र रंगारी, बृजभान सिन्हा, पुष्पेन्द्र साहू, शिरीष कुमार पांडे, हेमंत पांडे, उत्तम डड़सेना, अब्दुल कलीम खान, सुधांशु सिंह, सोहन निषाद, संजीव मिश्रा, सीआर वर्मा, संगीता ब्यौहरे, नीलू झाड़े, सीमा तरार, स्वाति वर्मा,  अभिशिक्ता फंदियाल, शीतल कुमार टंडन एवं अनिल साहू ने सरकार से पूछा है कि क्या स्कूलों में बच्चों को विषय ज्ञान देना अत्यावश्यक सेवा नहीं है ? क्या आवारा कुत्तों की सूचना देने का कार्य शिक्षकों से कराने का आदेश  सुप्रीम कोर्ट ने दिया है?

फेडरेशन का कहना है कि अधिकांश स्कूलों में बाउंड्रीवाल नहीं है। यदि है तो जीर्णोद्धार की स्थिति में है। ऐसे में शाला प्रमुख/शिक्षक आवारा कुत्तों का शाला में प्रवेश के रोकथाम हेतु प्रबंध कैसे करेंगे? आवारा कुत्तों से क्या शिक्षकों को खतरा नहीं है? बाउंड्रीवाल नहीं होने से असामाजिक तत्वों का जमावड़ा देर रात स्कूलों में होता है। जिसके कारण शालेय वातावरण दूषित होता है, बच्चों पर बुरा प्रभाव पड़ता है, शाला प्रमुख/शिक्षक को इसके रोकथाम के लिए जिला प्रशासन एवं जनमानस से सहयोग नहीं मिलता है। अनेक शाला भवन जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है, लेकिन शासन-प्रशासन को सूचना रहने के बावजूद प्रबंधन का अभाव है, लेकिन दुर्घटना होने पर शिक्षकों पर जिम्मेदारी तय किया जाता है।

उन्होंने बताया कि अनेक शिक्षकों की ड्यूटी एसआईआर में बतौर बीएलओ (बूथ लेवल अफसर) में लगाया गया है। बड़ी मुश्किल से दो-तीन महीने बोर्ड/ अन्य परीक्षाओं के लिए बचे हैं। पदोन्नति के फलस्वरूप अनेक शाला विषय शिक्षक विहीन होने वाले हैं। भारत में पिछला जनगणना रिपोर्ट 2011 में तैयार किया गया था। अगली जनगणना 2021 में होनी थी, लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण इसे स्थगित कर दिया गया था, जो कि निकट भविष्य में संभावित है।  फेडरेशन का कहना है कि विषय शिक्षक स्कूलों में अपना कार्य नहीं कर पा रहे हैं,  लेकिन विभाग कमजोर परीक्षाफल के लिए संस्था प्रमुख/शिक्षकों के विरुद्ध कार्रवाई करता है।


अन्य पोस्ट