राजनांदगांव

श्रेष्ठ काव्य रचनाएं देश और समाज को दिशा देती है- संतोष पाण्डे
23-Nov-2025 4:36 PM
श्रेष्ठ काव्य रचनाएं देश और समाज को दिशा देती है- संतोष पाण्डे

साहित्यिक आयोजन में छत्तीसगढ़ी को आठवीं अनुसूची में दर्ज कराने की मांग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 23 नवंबर।
छत्तीसगढ़ी साहित्य समिति के अनुषांगिक संगठन छत्तीसगढ़ साहित्य सृजन समिति द्वारा कला धानी डोंगरगांव में  दीवाली मिलन व शपथ ग्रहण सहित  साहित्यक परिचर्चा का आयोजन किया गया उक्त गरिमामय कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सांसद संतोष पाण्डे जी थे। जिनके द्वारा धूमधाम से मनाए गए दीपावली पर्व सहित समिति के नव. निर्वाचित पदाधिकारियों के शपथ ग्रहण पर उन्हें बधाई एवं शुभकामनाएं दी गई ।

इस दौरान बड़ी संख्या में उपस्थित कवि साहित्यकारों व लोक कलाकारों को संबोधित करते हुए कहा कि नेता मंत्री अधिकारियों की तो एक निश्चित जगह ही पुंछ. परख होती है लेकिन कवि साहित्यकारों जैसे विद्वत जनों की पूजा.प्रतिष्ठा हर जगह बनी रहती है। उन्होंने कहा कि श्रेष्ठ साहित्य देश और समाज को दिशा देता है। इस क्रम में उन्होंने राष्ट्र कवि रामधारी सिंह दिनकर, मैथलीशरण गुप्त, माखनलाल चतुर्वेदी का नाम लिया। इस दौरान साहित्य द्वारा छत्तीसगढ़ी को राजभाषा के रूप में आठवीं अनुसूची में दर्ज कराने के लिए सांसद महोदय को ज्ञापन सौंपा जाने पर उन्होंने कहा कि वे इस बारे में संसद में पूरे ज़ोर शोर से आवाज उठा चुके हैं।

इस अवसर पर डोंगरगांव नपा अध्यक्ष अंजु त्रिपाठी, सहकारिता राज्य अलंकरण प्राप्त ओजस्व कवि शशिकांत द्विवेदी, राज्य अलंकरण प्राप्त रंगकर्मी राकेश तिवारीएलायंस क्लब राजनांदगांव सिटी के अध्यक्ष अमित खंडेलवाल, चंदैनी-गोंदा के कलाकार रहे विवेक वासनिक, अनुराग धारा के उद्घोषक रहे रंगकर्मी विजय मिश्रा अमितष् छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के जिला समन्वयक वरिष्ठ कवि साहित्यकार व लोक संगीतकार आत्माराम कोशा अमात्यष् ने भी  सभा को संबोधित कर सबको बधाई एवं शुभकामनाएं दी।

छत्तीसगढ़ी लोकरंग कर्म और साहित्य: साहित्य समिति द्वारा आयोजित छत्तीसगढ़ी लोक रंग और साहित्य से संबंधित परिचर्चा में वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. संतराम देशमुख विमल नाचा व कंथली के संबंध में विस्तृत प्रकाश डाला वहीं कुबेर साहू ने नाचा से लेकर महाकवि कालिदास द्वारा छत्तीसगढ़ की रामगढ़ पहाड़ी में किए गए मेघदूत नामक चर्चित साहित्यिक नाटक का जिक्र की इसी तरह कवि कथाकार मानसिंह मौलिक ने नाचा में खेले जाने वाले गम्मत से लेकर चंदैनी गोंदा एसोनहा बिहान (कारी) लोरिक.चंदा आदि को रंग कर्म का लिखित व अलिखित साहित्य बताया।
 

परिचर्चा में दिग्विजय कालेज के हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. शंकर मुनि राय ओम प्रकाश साहू अंकुर महेद्र बघेल मधु ने भी भाग लिया। इस अवसर पर आगत अतिथियों व कवि साहित्यकारों  कलाकारों का अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद मिश्रा अकाट्य सचिव मानसिंह मौलिक उपाध्यक्ष  सुषमा शुक्ला अंशुमन थंगेश्वर कुमार साहू, शैलेष गुप्ता  समन्वयक राकेश इंदूभूषण ठाकुर, संयुक्त. सचिव चेतना साहू  द्वारा शाल श्री फल व स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मान किया गया।

इस अवसर पर हास्य व्यंग्य के कवि वीरेंद्र तिवारी वीरु के संचालन में  कवि सम्मेलन का भी आयोजन किया गया। परिचर्चा का उत्कृष्ट संचालन संगठन सचिव कवि गजेंद्र हरिहारणो दीप द्वारा किया गया। इस अवसर पर समिति की संरक्षिका  शारदा तिवारी, डॉ. प्रियंक ठाकुर, डोंगरगांव के लक्ष्मी नारायण गुप्ता, हरिश गांधी डिकेश साहू डॉ. इकबाल खान, जितेद्र पटेलए डॉ. आलोक  आकाश, डॉ माधवी गणवीर, हर्षा देवांगन, आनंदराम सार्वा अनंत करिश्मा श्रीवास्तव चंदैनी.गोंदा के कलाकार रहे सुकलाल बिसौहा, बालमकुंद, पुसु व नाचा कलाकार प्रेमलाल साव मोहन साहू, बिसराम साहू आदि सहित बड़ी संख्या में कवि साहित्यकार उपस्थित थे। उपस्थितों का धन्यवाद ज्ञापन उपाध्यक्ष सुषमा शुक्ला अंशुमन ने किया वहीं आभार प्रदर्शन समिति के अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद मिश्रा अकाट्य ने किया। उक्ताशय की जानकारी समिति के सचिव मानसिंह मौलिक द्वारा दी गई।

सम्मानित किए गए लोक
कलाकार व रंगकर्मी

 रंगकर्मी विजय मिश्रा ने इस दौरान किसान नेता व दिव्यांग व्यक्ति की जीवंत प्रस्तुति दी वहीं लोक गायक लक्ष्मण मस्तुरिहा राज्य अलंकरण प्राप्त रंगकर्मी राकेश तिवारी ने अपनी सुप्रसिद्ध नाटक फोकलवा राजा के अभी तक 1 हजार से अधिक प्रदर्शन होने के बारे में बताया। इसी तरह विवेक  वासनिक ने चंदैनी-गोंदा और चर्चित कृति कारी के अविस्मरणीय मंचन के लिए दाऊ रामचंद्र देशमुख के योगदान को याद किया वहीं छत्तीसगढ़ी साहित्य समिति के प्रांतीय अध्यक्ष कान्हा कौशिक ने इसके संस्थापक अध्यक्ष सुशील यदु से लेकर अन्य कवि साहित्यकार के योगदान को स्मरणीय बताया।


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