राजनांदगांव

बिजली कंपनी ने सवा करोड़ वसूलने नपं को दिया अंतिम नोटिस
12-Oct-2025 6:48 PM
बिजली कंपनी ने सवा करोड़ वसूलने नपं को दिया अंतिम नोटिस

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

राजनांदगांव, 12 अक्टूबर। समय से बिजली बिल नहीं भरने और वर्षों से बकाया नहीं पटाने को लेकर शासन से जुड़े  दो महत्वपूर्ण विभागों में ठन गई है।

छग राज्य विद्युत वितरण कपंनी ने नगरीय प्रशासन विकास विभाग की इकाई अं. चौकी नगर पंचायत को बिजली बिल भरने अंतिम चेतावनी दी है। बिजली कंपनी का नगर पंचायत पर एक करोड़ तीस लाख से अधिक राशि का बकाया है। बताया जाता है कि पिछले साढ़े तीन वर्ष से बिजली कंपनी बिल भरने नोटिस पर नोटिस जारी कर रही है, लेकिन नगर पंचायत बिल भरना तो दूर नोटिस का जवाब भी नहीं दे रही है।

छग राज्य विद्युत वितरण कंपनी के सहायक अभियंता बीएन कुर्रे ने बताया कि अंबागढ़ चौकी नगर पंचायत ने पिछले साढ़े तीन वर्ष से अधिक समय का बिजली बिल नहीं भरा है। एई श्री कुर्रे ने बताया कि नगर पंचायत से वाटर वक्र्स का 90 लाख और सडक़ बत्ती का 40 लाख से अधिक का बिजली बिल की राशि लेनी है। उन्होंने बताया कि वे समय-समय पर लगातार पिछले कई वर्षों से बिजली बिल अदा करने कंपनी के कार्यालय की ओर से नगर पंचायत को नोटिस जारी कर रहे हैं, लेकिन हर बार उन्हें आश्वासन के अलावा और कुछ नहीं मिल पा रहा है। श्री कुर्रे ने बताया कि उन्होंने मार्च महीने  और अभी हाल में कंपनी  की ओर से बिजली बिल भरने के लिए सूचना दी है, लेकिन अब तक नगर पंचायत की ओर से बिजली बिल नहीं भरा गया है।

दीपावली से पहले कट सकती है बिजली

बिजली कंपनी  की ओर से चेतावनी दी गई है कि बिजली बिल नहीं भरा गया तो लाईन कट कर दी जाएगी। यदि ऐसा हुआ तो दीपावली पर्व से पहले नगर की सडक़े रात में अंधेरा से घिर जाएगा और नगर की प्रकाश व्यवस्था ठप हो जाएगी। जबकि वाटर वक्र्स की बिजली कटी तो फिर नगरवासियों को पेयजल आपूर्ति करने में नगर पंचायत के लिए एक बड़ी समस्या बन जाएगी। इधर बिजली काटने की नोटिस के बाद नगर पंचायत में खलबली मची हुई है।

 38 महीने से नहीं भरा गया बिजली बिल

नगर पंचायत पिछले 38 महीने से छग राज्य विद्युत वितरण कंपनी को बिजली बिल क्यों नहीं भर पाई। यह भी जांच का विषय है। बताया जाता है कि वर्तमान में बैठी नगरीय निकाय की नई सरकार के पिछले छ माह  और उससे पहले पुरानी सरकार के समय के तीन वर्ष का बिजली बिल नहीं भरा गया है। बताया जाता है कि नगर पंचायत बिजली बिल भरने के लिए शासन के अनुदान पर ही निर्भर रहती है, क्योंकि निकाय का स्थापना व्यय इतना अधिक है कि वह तो अपने नियमित व प्लेसमेंट कर्मचारियों को ही समय पर वेतन नहीं दे पाती है। कर्मचारियों के वेतन भुगतान के लिए भी निकाय को शासन के अनुदान की राह देखना पड़ता है।

अध्यक्ष ने की संचालक से चर्चा

बिजली कंपनी की चेतावनी एवं बिल भरने को लेकर आ रही समस्या के निरकारण के लिए नगर पंचायत अध्यक्ष अनिल मानिकपुरी ने शुक्रवार को राजधानी रायपुर में नगरीय प्रशासन विकास विभाग के संचानालय एवं मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों से भेंट कर चर्चा की। अध्यक्ष ने कहा कि विभाग के शीर्ष अधिकारियो से संचानालय में भेट कर इस समस्या के निदान के लिए चर्चा की गई है। विभाग  की ओर से आश्वासन मिला है कि यह समस्या एक नहीं कई निकाय के साथ बनी हुई है। जल्द ही इस संदर्भ में शासन स्तर पर उचित निर्णय लिया जाएगा।


अन्य पोस्ट