राजनांदगांव

फसल चक्र परिवर्तन में किसानों की भागीदारी बढ़ाने सीईओ ने ली बैठक
11-Oct-2025 10:43 PM
फसल चक्र परिवर्तन में किसानों की भागीदारी बढ़ाने सीईओ ने ली बैठक

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

राजनांदगांव, 11 अक्टूबर। जिला पंचायत सीईओ सुरूचि सिंह ने मिशन जल रक्षा अंतर्गत फसल चक्र परिवर्तन में किसानों की भागीदारी बढ़ाने के संबंध में अधिकरियों एवं किसानों की बैठक ली।

 जिला पंचायत  सीईओ ने जिले में कृषि विभाग द्वारा मैदानी अधिकारियों के माध्यम से क्लस्टर बनाकर दलहन, तिलहन तथा मक्का फसल के क्षेत्र बढ़ाने हेतु चयनित किसानों तथा राजगामी संपदा की भूमि को लीज पर लेकर खेती करने वाले किसानों तथा कृषि विभाग के मैदानी अधिकारियों द्वारा किए जा रहे कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने रबी 2025-26 में फसलों का रकबा बढ़ाने तथा कृषकों को कम कृषि लागत में कम जल मांग वाले और अधिक मुनाफा देने वाली फसलों के चयन करने में सहयोग करने कहा।

बैठक में किसानों को जिले की भौगोलिक स्थिति एवं मृदा के प्रकार तथा कम जल मांग की आवश्यकता को ध्यान में रखते फसलों के चयन के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। किसानों से क्षेत्रवार उनके द्वारा फसल चयन एवं अन्य आदान सामग्री उपलब्धता की जानकारी ली गई। कृषि विभाग द्वारा किसानों और मक्का से उत्पाद निर्माण करने वाले कंपनियों का किसानों से सीधा संवाद कराया गया। जिसमें मक्के की फसल के प्रति किसानों की सहमति बनी।

बैठक में प्राइस सपोर्ट स्कीम के तहत रबी में चना सरसों और मसूर फसलों की खरीदी समर्थन मूल्य पर होने की जानकारी दी गई। किसानों ने सरसों बीज उपलब्ध कराने पर फसल चक्र परिवर्तन में सरसों की फसल के रकबे को बढ़ाने हेतु अपनी सहमति दी।

बैठक में गौरमेड पॉपकॉर्निका कंपनी के प्रतिनिधियों ने किसानों को मक्के की बीज उपलब्ध कराकर 1700 रुपए प्रति क्विंटल में मक्का खरीदी करने तथा किसानों के साथ कांट्रैक्ट फार्मिंग कर एमओयू करने प्रस्तुतीकरण किया गया। एबीस कंपनी द्वारा मक्का खरीदी हेतु किसानों को सहमत किया गया।

 बैठक में उपसंचालक कृषि टीकम सिंह ठाकुर, अनुभागी कृषि अधिकारी संतलाल देशलहरे, सहायक संचालक डॉ. वीरेंद्र अनंत, एपीओ मनरेगा फैज मेनन, वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी श्री रानाडे, ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी याजवेंद्र कतरे, पूजा लांगे, एबीस कंपनी के प्रतिनिधि  राघवेंद्र, गौरमैड पॉपकॉर्निका कंपनी के प्रतिनिधि  अजय साहू एवं जिले के किसानों के साथ-साथ राजगामी संपदा में खेती करने वाले किसान उपस्थित थे।


अन्य पोस्ट