राजनांदगांव

बम्लेश्वरी के ऊपर मंदिर में बलि देने आदिवासी समाज संग पहुंचे भवानी बहादुर
10-Oct-2025 4:35 PM
बम्लेश्वरी के ऊपर मंदिर में बलि देने आदिवासी समाज संग पहुंचे भवानी बहादुर

 प्रशासनिक अधिकारियों की समझाईश दोबारा ऐसा करने पर होगी कार्रवाई
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 10 अक्टूबर
। डोंगरगढ़ स्थित मां बम्लेश्वरी के ऊपर मंदिर के करीब गुरुवार शाम को बलि देने की कोशिश करने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। एक भेड़ को लेकर आदिवासी समाज के संग पूर्व सांसद स्व. शिवेन्द्र बहादुर के सुपुत्र भवानी बहादुर पहाड़ के पीछे स्थित सीढ़ी से ऊपर पहुंच गए। बलि देने के इरादे से भेड़ को ऊपर लाया गया, इस बात की जानकारी जैसे ही ट्रस्ट के सदस्यों को लगी, उन्होंने सीधे प्रशासनिक अधिकारियों को पूरी स्थिति से अवगत कराकर मौके पर बुलाया। इस मामले को लेकर विवाद खड़ा हो रहा है। पिछले दिनों नवरात्र के दौरान आदिवासी समाज नीचे स्थित मंदिर के गर्भगृह में भी घुस गया था। इस मामले की अब तक जांच शुरू नहीं हुई है।

मिली जानकारी के मुताबिक गुरुवार शाम को अचानक 60-70 से ज्यादा लोगों को लेकर पीछे रणचंडी मंदिर के पास स्थित सीढ़ी से भेड़ की बलि देने के लिए ऊपर पहुंच गए। बताया जा रहा है कि आदिवासी समाज का अगुवा बनकर भवानी बहादुर बलि देने की प्रथा को जायज ठहराने लगे। इसके बाद  विवाद खड़ा हो गया। खबर लगते ही डोंगरगढ़ एसडीएम और एसडीओपी आशीष कुंजाम दलबल के साथ ऊपर मंदिर पहुंचे।

 ट्रस्ट का कहना है कि डोंगरगढ़ मंदिर में बलि देने का रिवाज नहीं है। ऐसे में बलि देना एक तरह से धार्मिक भावनाओं को भडक़ाने जैसा है। आखिरकार प्रशासन के अडिग रहने से आदिवासी समाज के युवकों और भवानी बहादुर को अपना फैसला टालना पड़ा। इस संबंध में एसडीओपी श्री कुंजाम ने ‘छत्तीसगढ़’ से कहा कि इस मामले को जांच में लिया गया है। वहीं आदिवासी समाज की संलिप्तता को लेकर भी सही जानकारी जुटाई जा रही है। बहरहाल डोंगरगढ़ में आदिवासी समाज लगातार किसी न किसी तरह से मंदिर परिसर में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहा है।
 

आदिवासी समाज-ट्रस्ट की आज बैठक
मंदिर परिसर में बढ़ते टकराव के चलते प्रशासन ने आदिवासी समाज और ट्रस्ट के बीच आज एक बैठक बुलाई है। प्रशासन बारी-बारी से दोनों पक्षों से बातचीत करेगा। इसके बाद एक साझा बैठक कर मामले को सुलझाने का प्रयास करेगा। बताया जा रहा है कि पुलिस को दीगर जिलों से भी आदिवासी युवकों की मौजूदगी की खबर है। यानी प्रशासन को इस बात का अंदाजा है कि आने वाले दिनों में भी विवाद गहरा सकता है। ऐसे में प्रशासन स्पष्ट रूप से इस मामले को पूरी तरह से सुलझाने की कोशिश में है। बताया जा रहा है कि आदिवासी समाज द्वारा ट्रस्ट को लगातार चुनौती दे रहा है।


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