राजनांदगांव
कांग्रेस ग्रामीण और शहर अध्यक्ष बनने हर स्तर पर किलेबंदी, पर्यवेक्षक के पास सभी दावेदारों की पृष्ठभूमि का पुलिंदा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 7 अक्टूबर। कांग्रेस के संगठन सृजन अभियान के तहत ग्रामीण और शहर अध्यक्ष की कुर्सी पर काबिज होने के लिए दावेदारों ने कई स्तर पर किलेबंदी की है।
राजनांदगांव में पिछले दो दिनों से पर्यवेक्षक चरण सिंह सपरा अलग-अलग तरीके से कार्यकर्ताओं का नब्ज टटोल रहे हैं। वहीं वह पार्टी लाइन के आधार पर दावेदारों की सांगठनिक क्षमता को परख रहे हैं। ग्रामीण और शहर अध्यक्ष के दावेदारों ने सांगठनिक मुखिया बनने के लिए पर्यवेक्षक के समक्ष दावेदारी करते हुए तगड़े प्रतिद्वंदियों का काला चि_ा भी बतौर जानकारी दे रहे हैं। ऐसे में कांग्रेस में गुटबाजी सामने आ रही है।
पर्यवेक्षक दावेदारों से उनकी खूबियों के अलावा अन्य दावेदार के संबंध में जानकारी ले रहे हैं। संगठन से जुड़े कई प्रमुख लोगों से पर्यवेक्षक सपरा ने सोमवार को दिनभर अलग-अलग स्तर पर चर्चा की। कांग्रेस से जुड़े सीनियर नेताओं से वन-टू-वन मुलाकात कर उनकी राय जाना। साथ ही कई दावेदारों से कांग्रेस के लिए किए गए उल्लेखनीय कार्यों का ब्यौरा भी मांगा। कांग्रेस की मौजूदा खराब स्थिति के संबंध में भी दावेदारों से गहन चर्चा की।
पर्यवेक्षक सपरा ने अध्यक्ष बनने के रेस में शामिल दावेदारों से पार्टी को मजबूती देने के विषय पर उनका पक्ष सुना। शहर और ग्रामीण अध्यक्ष की बागडोर सम्हालने के लिए जरूरी राजनीतिक समझ को लेकर भी उन्होंने सवाल पूछे। स्थानी सिंधु भवन में दिनभर सपरा से ग्रामीण और शहर के अलावा ब्लॉक अध्यक्ष के भी दावेदारों ने बारी-बारी मुलाकात की।
बताया जा रहा है कि ग्रामीण दावेदारों से सपरा ने विधायकों के साथ तालमेल के सवाल को लेकर भी जानकारी हासिल की। वहीं पूर्व विधायकों से भी उन्होंने बातचीत में मौजूदा विधायकों की संगठन के प्रति जवाबदेही पर भी जानकारी ली। इस तरह पूरे दिन पर्यवेक्षक सपरा ने दावेदारों से अध्यक्ष बनने के लिए जोर आजमाईश करने के दौरान मुलाकात में अहम विषयों पर चर्चा की।
बताया जा रहा है कि कुछ दावेदार कांग्रेस से भाजपा में चले गए थे। ऐसे में उन्होंने कांग्रेस में शामिल होने के बाद सांगठनिक मुखिया बनने के उद्देश्य को लेकर उनसे चर्चा की। कल पूरे दिन कांग्रेस के निचले कार्यकर्ताओं से लेकर प्रमुख नेताओं की मौजूदगी से सियासी हलचल रही। कांग्रेस में सांगठनिक चुनाव के चलते कई दावेदारों ने अपने लिए तगड़ी मोर्चाबंदी की है। बताया जा रहा है कि प्रदेश के प्रमुख नेताओं की भी अपनी पसंद है। ऐसे में परदे के पीछे अपने करीबी को कांग्रेस के शहर और ग्रामीण जिलाध्यक्ष की कमान सौंपने राजधानी के कुछ नेताओं का शहर में डेरा लगा रहा।
प्रमुख दावेदारों में शामिल
ग्रामीण अध्यक्ष की दौड़ में जिला ग्रामीण अध्यक्ष बनने के लिए कांग्रेस में दावेदारों की कमी नहीं है। जिलाध्यक्ष की दौड़ में नवाज खान का नाम प्रमुखता से आया है। नवाज पूर्व में भी जिलाध्यक्ष रहे हैं। इसके अलावा महेन्द्र यादव, भागवत साहू, वीरेन्द्र बोरकर, रूपेश दुबे शामिल हैं।
शहर अध्यक्ष की दौड़ में कांग्रेस शहर अध्यक्ष के लिए निवर्तमान शहर अध्यक्ष कुलबीर छाबड़ा, पूर्व महापौर नरेश डाकलिया, सुदेश देशमुख व हेमा देशमुख, जितेन्द्र मुदलियार, हफीज खान, रमेश डाकलिया, अमित चंद्रवंशी, मेहुल मारू, रूबी गरचा, मन्ना यादव, अशोक फडऩवीस व आसिफ अली समेत अन्य शामिल हैं।


