राजनांदगांव
स्वच्छता अपनाने महापौर व आयुक्त ने की अपील
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 5 अक्टूबर। शासन के निर्देशानुसार मौसमी बीमारी मलेरिया, डेंगू एवं अन्य संक्रामक बीमारियों को फैलने रोकथाम व बचाव हेतु नागरिकों को डोर टू डोर जाकर समझाईस देने व जागरूक किये जाने महापौर मधुसूदन यादव के निर्देश पर आयुक्त अतुल विश्वकर्मा ने अपने अपने प्रभारित वार्ड में सफाई दरोगा एवं वार्ड प्रभारियों को दायित्व सौपने स्वास्थ्य अधिकारी एवं मिशन क्लीन सिटी प्रभारी को निर्देशित किये है।
आयुक्त विश्वकर्मा ने बताया कि मौसमी बीमारी डेंगू मलेरिया तथा अन्य संक्रामक बीमारी फैलने की संभावना बनी रहती है। जिसे ध्यान में रखते हुये महापौर मधुसूदन यादव के निर्देश पर नागरिकों को संक्रामक बीमारी से बचाने नगर में साफ -सफाई के अलावा लोगों में संक्रामक बीमारी फैलने से रोकने व बचाव हेतु नागरिकों को डोर टू डोर जाकर निगम का स्वास्थ्य अमला आमजनों को समझाईस दे रहे है एवं साफ -सफाई का विशेष ध्यान रखा जा रहा है व वार्डों में क्लोरिन टेबलेट का वितरण भी किया जा रहा है। साथ ही अपने घरो व उसके आस पास साफ -सफाई रखने, पानी में क्लोरिन टेबलेट का उपयोग करने, किसी भी प्रकार की बिमारी पर अपने नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र में सम्पर्क करने अपील की जा रही है।
इसके अलावा निर्देशानुसार प्र.स्वास्थ्य अधिकारी राजेश मिश्रा एवं स्वास्थ्य अमला को निर्देशित किया गया है कि प्रतिदिन नाली नालो की सफाई कर नियमित रूप से कचरा उठावे तथा दवाई का छिडकाव करे। नलो, हैण्ड पंपों के आस पास व गड्ढों में भरे पानी को कच्ची नाली खोद कर निकासी की व्यवस्था करें एवं कैपास व नुवान दवाई का छिडकाव करे, जिससे लार्वा उत्पन्न न हो।
महापौर एवं आयुक्त ने नागरिको से कहा है कि बारिश के कुलर को अच्छी तरह से साफ कर खस वाली शीट को कडक़ धूप में सुखाना है क्याकि डेंगू के मच्छर एंडीस के अण्डे कूलर के खस की शीट में चिपके रहते है और नमी मिलते ही जीवित हो जाते है। इसलिये धूप में सुखाना अत्यंत आवश्यक है। इसी प्रकार आंगन एवं छत की खुली हुई पानी टंकियों को ढक कर रखना है व टूटे फुटे मटके, टायर-ट्यूब, प्लास्टिक के बाटल, डब्बे को नष्ट करना है। फ्रिज के पानी जमा होने वाले ट्रे के पानी को एवं मंदिर में रखे कलश के पानी को प्रति सप्ताह बदलना है। घरों के आस पास पानी जमा नहीं होने देना है। मच्छरदानी लगाकर सोना है। इस प्रकार की सावधानी बरतकर हम मौसमी संक्रामक बिमारी से बच सकते है।


