राजनांदगांव
पटवारी की आईडी हैक कर करोड़ों की जमीन दूसरे के नाम
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 26 सितंबर। शहर के लखोली इलाके के 3 बेशकीमती जमीनों के वारिसानों के नाम के बजाय ऑनलाइन छेड़छाड़ कर किसी अन्य व्यक्ति के नाम दर्ज करने के मामले में प्रशासन ने अब तक हैकर्स का पता नहीं लगाया है।
मामला करीब 9 माह पुराना है। जब पटवारी संघ अपनी मांगों को लेकर लंबे समय तक आंदोलनरत था, उस वक्त हैकर्स ने पटवारी और तहसीलदार का आईडी हैक कर करोड़ों की जमीन को दूसरे के नाम कर दिया। इस मामले को लेकर पीडि़त व्यक्ति लगातार प्रशासन का चक्कर लगा रहा है। प्रशासन की गंभीर लापरवाही का खामियाजा पीडि़त परिवार भोग रहा है।
बताया जा रहा है कि जनवरी 2025 में खसरा नंबर 498/1, 498/4 और 501/4 में फर्जी तरीके से हैकर्स ने नामांतरण कर दिया। मूलत: यह जमीन स्व. महेन्द्र जैन के नाम थी। उनके निधन के बाद वारिस के तौर पर शैलेष जैन का नाम दर्ज था। हैकर्स ने बेहद चालाकी के साथ हड़ताली पटवारियों के काम से अलग रहने का फायदा उठाते आईडी हैक कर राजेन्द्र जैन के नाम जमीन कर दी।
इस मामले को लेकर पीडि़त परिवार ने कई दफे प्रशासनिक अधिकारियों के पास शिकायत की, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हुई। शैलेष ने आरोप लगाया कि संबंधित पटवारी ने अपनी आईडी हैक होने तथा 2 खसरा नंबर में फर्जी ढंग से नामांतरण की जानकारी दी थी। इस बाबत् कई बार कलेक्टर, एसपी और आईजी से शिकायत की गई, लेकिन कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति की गई।
कहा जा रहा है कि राजनीतिक दबाव के चलते भी पीडि़त व्यक्ति की शिकायत को अनसुना किया जा रहा है। जिसके नाम पर जमीन चढ़ाई गई है, वह सत्ताधारी भाजपा से जुड़ा हुआ है। यही कारण है कि पीडि़त को न्याय मिलने में राजनीतिक अड़चनों का सामना करना पड़ रहा है। जांच के नाम पर सिर्फ दिखावा किया जा रहा है। जबकि आईडी हैक करने वाले मोबाइल नंबर से लेकर अन्य जानकारी प्रशासन के पास मौजूद है। पीडि़त व्यक्ति ने राजस्व विभाग के एक कर्मचारी पर मिलीभगत का आरोप लगाया है। ऑनलाइन छेड़छाड़ करने से यह स्पष्ट हो गया कि हैकर्स ने प्रशासन की व्यवस्था को सीधे तौर पर चुनौती दी है। बताया जा रहा है कि स्थानीय तहसीलदार ने मामले की जांच के लिए एनआईसी रायपुर को भेजी है। रिपोर्ट आने के बाद मामले की जांच आगे बढ़ेगी।


