राजनांदगांव
जातकों ने किया परिवार की खुशहाली की कामना
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 21 सितंबर। पूर्वजों की याद में मनाए जाने वाला पितृपक्ष का समापन रविवार हो गया।
पखवाड़ेभर तक लोगों ने पितरों को याद करते हुए श्रद्धांजलि से लेकर पूजा-अर्चना की। मृतात्माओं की शांति के लिए घरों में अनुष्ठान और पूजा के कार्यक्रम हुए। 7 सितंबर से पितृपक्ष प्रारंभ हुआ था। मृतात्माओं की शांति के लिए पखवाड़ेभर तक घरों में शांति-पूजा हुई। वहीं रोजाना तालाबों और सरोवरों में लोग पितरों के लिए जल अर्पित किया। हिन्दू धर्म में पितृपक्ष के दौरान नए कार्य की शुरूआत नहीं की जाती। साथ ही दिवंगत आत्माओं की याद में विशेष भोजन बनाए जाते हैं।
रोज सुबह पितरों को भोजन चढ़ाया जाता है। पितृपक्ष में घरों में मृतात्माओं के लिए भजन-कीर्तन के अलावा शांतिपाठ भी कराए गए। इधर आज 21 सितंबर को पितृमोक्ष अमावस्या पर पितृपक्ष का समापन हो गया। इधर लोगों ने पितरों को अंतिम विदाई देते अपने पितरों से परिवार की खुशहाली की कामना की। कल 22 सितंबर को नवरात्र प्रारंभ होने के साथ ही लोग नए कामों और शुभ कार्यों को कर सकेंगे। वहीं दुकानों का शुभारंभ, गृह प्रवेश जैसे अन्य शुभ कार्यों को कर सकेंगे। इधर जातक पितरों को विदाई देने और नवरात्र पर्व के शुभारंभ को लेकर तैयारियों में जुटे हुए हैं।


