राजनांदगांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 15 सितंबर। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता खूबचंद पारख ने कांग्रेस नेताओं द्वारा लगातार ‘वोट चोरी’ शब्द का इस्तेमाल करने पर अपना एतराज जताते कहा कि कांग्रेस की डिक्शनरी में शुचितापूर्ण संसदीय शब्दों का अभाव है।
कांग्रेस हमेशा ऐसे शब्दों का इस्तेमाल करती है, जिनका जुड़ाव कहीं न कहीं असंसदीय भाषा से होता है। श्री पारख ने कहा कि हम दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देशों में एक है और हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों का वैश्विक सम्मान है और कांग्रेस ऐसे ‘वोट चोरी’ शब्द का इस्तेमाल करके हमारी लोकतांत्रिक शक्तियों पर सवाल खड़ा करके ओछी राजनीति कर रही है।
श्री पारख ने कहा कि विपक्ष को हमेशा सकारात्मक भूमिका निभानी चाहिए, लेकिन दुर्भाग्य से भारत में विपक्ष हमेशा विध्वंस, हिंसा और अराजकता की नकारात्मक भूमिका में ही है, इसलिए कांग्रेस व उसके नेताओं की प्रतिष्ठा लगातार कम होती जा रही है। हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्था में भाषा की गरिमा सदैव सर्वोच्च रही है, लेकिन कांग्रेस हमेशा भाषा की गरिमा को ताक पर रखकर राजनीति करती आ रही है।
दरअसल वैचारिक दरिद्रता के चलते कांग्रेस अराजक व असंसदीय वामपंथी भाषा और विचारों पर पल रही है और यही अब कांग्रेस की नियति हो चली है। कांग्रेस अपनी हार की जिम्मेदारी लेने से बचने हेतु कभी ईवीएम पर सवाल खड़ी करती है। अब आगामी चुनावों में अपनी हार सुनिश्चित देखकर वोट चोरी का नेरेटिव चलाकर फिर हार की जिम्मेदारी से भागने का प्रयास कर रही है। श्री पारख ने कहा कि छत्तीसगढ़ कांग्रेस कमेटी के प्रभारी सचिन पायलट भी इसी असंसदीय भाषा का प्रयोग करने छत्तीसगढ़ पधार रहे हैं। पारख ने कहा कि ऐसा लगता है कि कांग्रेस में प्रतिस्पर्धा चल रही है, जो जितना अमर्यादित और अशोभनीय शब्दों का उपयोग करेगा, वह अपने आका राहुल को उतना ही प्रिया होगा।


