राजनांदगांव
अनिश्चितकालीन हड़ताल में रोज अपना रहे प्रदर्शन के नए तरीके
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 29 अगस्त। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अधीन कार्यरत जिले के सैकड़ों कर्मचारियों के अनिश्चितकालीन हड़ताल से स्वास्थ्य विभाग की स्वास्थ्यगत सुविधाओं पर बुरा असर पड़ रहा है। मैदानी अमला हड़ताल पर है। जिसमें अलग-अलग पदों पर कार्यरत कर्मचारी हैं। विशेषकर स्टॉफ नर्स से लेकर अन्य चिकित्सकीय कर्मी की गैरमौजूदगी से विभाग की परेशानी बढ़ रही है। 18 अगस्त से शुरू अनिश्चितकालीन हड़ताल में सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए हड़ताली कर्मी प्रदर्शन के नए-नए तरीके अपना रहे हैं। गुरुवार को पीपीकिट पहनकर स्वास्थ्य कर्मियों ने भीख मांगी। कर्मचारियों ने इस प्रदर्शन के माध्यम से अपना विरोध जताया। इस बीच मेडिकल कॉलेज से लेकर जिला अस्पताल और ब्लॉकों के सरकारी अस्पतालों में भी कर्मचारियों की अनुपस्थिति से कामकाज पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। 10 सूत्रीय मांगों को लेकर धरना दे रहे कर्मचारियों ने सरकार से नियमितीकरण, ग्रेड-पे निर्धारण, पब्लिक हेल्थ केयर की स्थापना, मेडिकल अवकाश के अलावा अनुकंपा नियुक्ति के मुद्दों को लेकर आवाज उठाई है। राज्य सरकार की ओर फिलहाल हड़ताली कर्मचारियों से बातचीत का कोई संकेत नहीं मिला है। ऐसे में आंदोलन और उग्र होने लगा है।
हड़ताली कर्मियों को लौटने नोटिस
हड़ताल में शामिल एनएचएम कर्मियों को सीएमएचओ कार्यालय ने नोटिस जारी कर कार्य में लौटने का निर्देश दिया है। नोटिस में कार्यरत कर्मचारियों को फौरन उपस्थित होने को कहा गया है। इससे परे एनएचएम कर्मचारियों ने राजधानी रायपुर में आयोजित धरना प्रदर्शन में बढ़-चढक़र भाग लिया। एक जानकारी के मुताबिक राजनंादगांव जिले के 350 से ज्यादा कर्मचारियों को नोटिस जारी किया गया है। संघ का आरोप है कि अनिश्चितकालीन हड़ताल मांग पूरी होने तक जारी रहेगी। मांगों पर विचार करने के बजाय सरकार दबाव बनाने के लिए नोटिस जारी कर रही है।


