राजनांदगांव
ठेठरी-खुरमी और अन्य व्यंजन की महक से बढ़ा उत्साह
'छत्तीसगढ़' संवाददाता
राजनांदगांव, 26 अगस्त। पति की लंबी आयु की कामना वाले तीज पर्व मनाने के लिए विवाहित महिलाएं अपने मायके पहुंच गई है।
सोमवार को कडुवा भोजन में करेले का स्वाद चखने के बाद मंगलवार से 24 घंटे का कठिन व्रत शुरू हो गया। मायके में बेटियों को देखकर माता-पिता की खुशी का ठिकाना नहीं है। जबकि भाई अपनी बहनों को देखकर खुश हो रहे हैं। मायके में विवाहित महिलाएं अलग-अलग किस्म की छत्तीसगढ़ी व्यंजनों को तैयार करते हुए पारंपरिक गीत-संगीत में हंसी-ठिठोली कर रही है। वहीं गली-मोहल्लों में अपनी पुरानी सहेलियों के बीच भी महिलाएं वक्त बिता रही है।
इस बीच घरों के रसोईखाने में छत्तीसगढ़ की पारंपरिक व्यंजनों में से ठेठरी-खुरमी, शक्करपारा, मुठिया और अन्य व्यंजनों को तैयार किया जा रहा है। महिलाओं की अलग-अलग टोली घरों में पहुंचकर पूजा-अर्चना की तैयारी कर रही है। शिव-पार्वती की कथा सुनते हुए गीत-संगीत का कार्यक्रम भी होगा। इससे पहले सोमवार देर रात तक तिजहारिनों का मायके पहुंचने का सिलसिला चला। दूर-दराज से पहुंची बेटियों को देखकर माता-पिता की आंखे भर आई। कहीं-कहीं भाई अपनी बहनों को लेकर घर पहुंचे, तो कहीं विवाहित महिलाओं को पति मायके से छोड़कर वापस लौटे।


