राजनांदगांव
'छत्तीसगढ़' संवाददाता
राजनांदगांव, 26 अगस्त। राजनांदगांव में गणेश पर्व की परंपरागत तैयारी पूरी हो गई है। कल 27 अगस्त से अगले 11 दिनों तक लंबोदर महाराज घरों और पंडालों में शान से विराजेंगे। शहर में गणेश प्रतिमााओं की खरीदी-बिक्री जोरों पर है। छोटी मूर्तियों से लेकर विशालकाय प्रतिमाओं को अंतिम रूप दिया जा रहा है। स्थल सजावट भी पर्व के उत्साह को दोगुना कर रहे हैं। शहर के आम्बेडकर चौक के अलावा अन्य चौराहों में पौराणिक गाथाओं पर आधारित स्थल सजावट तैयार हो गया है। स्थल सजावट के अलावा पंडालों की मूर्तियां भी आकर्षण का केंद्र होगी।
गणेश चतुर्थी पर्व पर कल बुधवार को पंडालों और घरों में प्रथम पूजनीय व विघ्नहर्ता श्रीगणेश की प्रतिमा बाजे-गाजे और जयघोष के साथ घरों और पंडालों तक ले जाने का क्रम शुरू हो गया है। इधर मूर्तिकारों के पास समितियों के पदाधिकारियों का हुजूम नजर आया। वहीं स्थानीय बाजार क्षेत्र में छोटी-बड़ी मूर्तियां ले जाने लोगों की चहल-पहल भी नजर आ रही है। इसके अलावा साज-सजावट के सामानों की बिक्री भी बढ़ गई है।
प्रथम पूजनीय भगवान श्रीगणेश की पौराणिक गाथाओं से जुड़ी लीलाएं अगले ग्यारह दिनों तक स्थल सजावट में नजर आएंगी। गणेशोत्सव के लिए विशिष्ट पहचान बना चुके राजनांदगांव में कल बुधवार से जगह-जगह विघ्नहर्ता पूजे जाएंगे। राजनांदगांव में गणेश पर्व को ख्याति प्राप्त है। शहर के हर चौराहे और गलियों में गणेश की प्रतिमाएं स्थापित की जाती है। खास तैयारी के साथ घरों में भी पर्व की रौनक दिखाई देती है। स्थल सजावटों के जरिये लंबोदर महाराज की लीलाओं का प्रदर्शन किया जाता है। रात को कृत्रिम रौशनी से शहर जगमग रहता है। विद्युत झालरों और आकर्षक लाईटिंग व्यवस्था से पर्व का उत्साह दुगुना हो जाता है।
शहर में कई पुरानी समितियां विशालकाय गणेश की मूतियों की स्थापना करती है। शाम होते ही शहर की सड़कों में भक्तों का रेला दिखाई पड़ता है। ग्रामीण इलाकों से मूर्तियों की एक झलक पाने के लिए लोग आधी रात तक सड़कों में चहल-कदमी करते दिखाई देते हैं। गणेश पर्व के अवसर पर लोगों को शहर में परिवार के साथ समय व्यतीत करने का अवसर भी मिल जाता है। शुरूआत के पहले पांच दिन शहर धार्मिक वातावरण से सरोबार रहता है। गणेश पर्व के आखिरी दिन झांकियों के आकर्षक नजारे के साथ पर्व का समापन होता है। लोक मान्यता है कि गणपति की पूजा-अर्चना करने से परेशानियां दूर हो जाती है।
पूजा-पंडालों में दिख रहा सजावट
गणेश चतुर्थी प्रारंभ होने के पूर्व से ही समितियों द्वारा पूजा पंडालों की सजावट शुरू कर दी है। आज भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापना के लिए आकर्षक पूजा पंडाल का निर्माण किया गया है। अधिकांश पूजा पंडालों में साज-सजावट की तैयारी लगभग पूर्ण हो चुकी है। इधर संस्कारधानी में भगवान श्रीगणेश की मूर्तियां लेने फ्लाई ओवर के नीचे सजी दुकानों में लोगों की भीड़ नजर आई। इसके अलावा शहर के बाजार क्षेत्र में सजी दुकानों से भी लोग जयघोष के साथ श्रीगणेश की मूर्तियों को घर ले जाने व्यस्त नजर आए। जिसके चलते सामान्य दिनों की अपेक्षा अधिक चहल-पहल नजर आई। साथ ही पूजा सामग्रियों की मांग भी लोगों के बीच बनी रही।
11 दिनों तक रहेगा पर्व का उत्साह
इस बार भी गणेश पर्व के दौरान भगवान श्रीगणेश की विभिन्न मुद्राओं में मूर्तियां नजर आएगी। इसके लिए कलाकार अंतिम तैयारी में जुटे हुए हैं। 10 से 12 फीट तक की मूर्तियों को आकार दिया जा रहा है। दूसरे प्रांत व जिलों के मूर्तिकार भी शहर में डेरा डाले हुए हैं और मूर्तियों को आकार दे रहे हैं। 11 दिनों तक मनाए जाने वाले इस पर्व के दौरान गणेश समितियों द्वारा शहर के सभी चौक-चौराहों पर मूर्तियां स्थापित की जाती है। नांदगांव जिला मुख्यालय के अंतर्गत आने वाले ममता नगर चौक से लेकर महावीर चौक, पोस्ट ऑफिस चौक, पुराना बस स्टैंड चौक, अग्रवाल ट्रांसपोर्ट चौक, लखोली चौक, चिखली, बसंतपुर, स्टेशनपारा, अस्पताल चौक सहित शहर के विभिन्न स्थानों पर 100 से अधिक मूर्तियां स्थापित की जाती है। शहर के वार्डों में भी मूर्तियां स्थापित होती है। अब घर-घर में भी श्रीगणेश की मूर्तियां स्थापित होने लगी है। ऐसे में मूर्तिकार भी भगवान श्रीगणेश की विभिन्न मुद्राओं के साथ-साथ मूर्तियां तैया की जा रही है। इस बार के गणेश पर्व में भी विघ्नहर्ता विभिन्न आकारों में विराजमान होकर भक्तों को आशीर्वाद देते नजर आएंगे।
शहर में रहेगा भक्तिमय वातावरण
शहर के गंज लाइन, कामठी लाइन, रामाधीन मार्ग समेत अन्य प्रमुख मार्गों में पंडाल में भगवान श्रीगणेश की स्थापना होगी। आकर्षक एवं अलग-अलग रूपों में भगवान श्रीगणेश की मूर्तियों का लोग दर्शन करेंगे। शुरूआत के एक-दो दिन बाद विसर्जन तक शहर का वातावरण धार्मिकमय हो जाता है। इस बीच बुधवार को गणेश चतुर्थी पर विघ्नहर्ता के विराजते ही गणेश पर्व उत्सव का आगाज होगा। उधर गणेश उत्सव के प्रारंभ होने से पहले ही झांकियों की तैयारी भी शुरू हो गई है। प्रदेश में ख्यातिप्राप्त झांकी विसर्जन अरसे से आकर्षण का केंद्र रहा है। लिहाजा रायपुर, दुर्ग एवं आसपास के जिलों से भी झांकी विसर्जन के दिन लोगों का हुजूम उमड़ पड़ता है। फिलहाल बुधवार से गणपति बप्पा की गंूज सुनाई देगी।
पंडालों और घरों में गूंजेगी बप्पा के जयकारे
संस्कारधानी में कल 27 अगस्त से लंबोदर महाराज के जयकारे की गंूज गली-मोहल्ले में सुनाई देगी। विशालकाय गणेश की प्रतिमा के साथ जहां स्थल सजावट आकर्षण के केंद्र होंगे। वहीं घरों में भी बप्पा मोरिया की जय-जयकार होगी। गणेश चतुर्थी पर्व पर शहर कृत्रिम रौशनी में जगमग होगा। भगवान श्रीगणेश के दर्शन के लिए पूरे भक्तों की भीड़ सड़कों पर नजर आएगी। इस बीच राजनांदगांव शहर में गणेश चतुर्थी पर्व पर जगह-जगह चहल-पहल होगी। शहर के अंदरूनी और भीतरी इलाकों में विद्युत सजावट के साथ रात को अलग ही नजारा दिखाई देगा। रात को जहां डीजे के जरिये भक्तिमय गीत से वातावरण अलग होगा। वहीं मूर्तियों के दर्शन करने आधी रात तक लोगों को हुजुम भी उमड़ेगा।


