राजनांदगांव

आयुष्मान का लाखों का बकाया, निजी अस्पतालों की उपचार बंद करने की दी चेतावनी
25-Aug-2025 4:21 PM
आयुष्मान का लाखों का बकाया, निजी अस्पतालों की उपचार बंद करने की दी चेतावनी

'छत्तीसगढ़' संवाददाता
राजनांदगांव, 25 अगस्त।
निजी अस्पतालों ने आयुष्मान भारत योजना के तहत नि:शुल्क इलाज करने का लाखों रुपए का बकाया शासन द्वारा जारी नहीं किए जाने के बाद उपचार बंद करने की चेतावनी दी है। 

राजनंादगांव जिले में 7 से 8 महीने से निजी अस्पताल संचालक भुगतान के लिए सरकार की ओर टकटकी लगाए हुए हैं। सरकार तय समय पर भुगतान करने में  दिलचस्पी नहीं ले रही है। ऐसे में निजी अस्पतालों में  आर्थिक बोझ भी बढ़ रहा है। निजी अस्पतालों का आरोप है कि मनमाफिक अंदाज में राज्य सरकार मरीजों का नि:शुल्क उपचार कराने का दबाव बना रही है। जबकि भुगतान के मामले में शासन का दोहरा रवैया है। निजी अस्पतालों के मोर्चा खोलने से इस योजना के लाभार्थियों के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती है। निजी अस्पतालों ने 31 अगस्त तक भुगतान नहीं होने की स्थिति में 1 सितंबर से उपचार बंद करने का निर्णय लिया है।

मिली जानकारी के मुताबिक आयुष्मान भारत योजना के तहत मरीजों को नि:शुल्क इलाज करने का प्रावधान है। निजी अस्पताल शासन के मंशानुरूप मरीजों का उपचार भी कर रहे हैं, लेकिन सरकार की ओर से उपचार के एवज में दी जाने वाली राशि को जारी नहीं किया जा रहा है। काफी समय से राशि की मांग की जा रही है। आखिरकार राजनांदगांव इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की बैठक में निर्णय लिया गया है कि भुगतान नहीं होने पर अब इस योजना के तहत उपचार करना बंद कर दिया जाएगा। 

निजी अस्पतालों के इस निर्णय का असर जरूरतमंद मरीजों के लिए मुसीबत खड़ा कर सकता है। जिले में सैकड़ों मरीज इस योजना के तहत उपचार करा रहे हैं। जिसमें प्रसूति से लेकर अन्य बीमारियों का उपचार किया जा रहा है। निजी अस्पतालों का मानना है कि लगातार मेडिकल संसाधन महंगे होते चले जा रहे हैं। दवाईयों के साथ-साथ अन्य चिकित्सकीय वस्तु का भी दाम बढ़ रहा है। ऐसे में अपने खर्च पर मरीजों का उपचार करना भारी पड़ रहा है। भुगतान लंबित रहने से अस्पतालों पर कर्ज भी बढ़ गया है। 

इन तमाम परिस्थितियों के कारण निजी अस्पतालों ने एकजुट होकर उपचार करने से इन्कार किया है। 31 अगस्त तक भुगतान नहीं होने पर 01 सितंबर से नि:शुल्क उपचार करना बंद हो जाएगा। बैठक में निजी अस्पताल के प्रतिनिधियों ने अपनी स्थिति को लेकर गहरी चिंता जताई है। कई अस्पताल  कर्ज से जूझ रहे हैं। इस संबंध में एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष डॉ. दिवाकर रंगारी ने बताया कि बैठक में यह तय किया गया है कि बकाया राशि का भुगतान नहीं होने पर राजनांदगांव आईएमए और रायपुर समेत अन्य निजी अस्पताल 1 सितंबर से आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत कार्य करना बंद कर देंगे।


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