राजनांदगांव
बाजार में बढ़ी हलचल, परंपरागत बैल दौड़ का होगा आयोजन
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 22 अगस्त। पोला पर्व के लिए बाजार सज गया है। परंपरागत मिट्टी से निर्मित बैल और बर्तन की खरीदी-बिक्री ने जोर पकड़ लिया है। मिट्टी के अलावा बाजार में लकड़ी के भी बैल बेचा जा रहा है।
परंपरागत रूप से पोला पर्व मनाने के लिए सभी वर्गों में उत्साह है। किसानों के अलावा अन्य वर्ग के लोग भी इस पर्व को परंपरानुसार मनाते हैं। भादो मास का यह एक बड़ा त्यौहार है। इसी के साथ त्यौहारों की सिलसिलेवार श्रृंखला शुरू हो जाएगी। अगस्त के दूसरे पखवाड़े में गणेश चतुर्थी से पूर्व परंपरागत पोला और तीज पर्व मनाए जाएंगे।
पोला पर्व की अपनी एक खासियत है। ठेठरी-खुरमी के स्वादिष्ट व्यंजनों वाला इस त्यौहार का लोगों को इंतजार रहता है। बैल-नंदी की विधि-विधान से पूजा-अर्चना के बाद कई कार्यक्रमों के जरिये लोग रोमांचित होते हैं। जिसमें बैल दौड़ के अलावा अन्य आयोजन शामिल है। इस बीच बाजार में पोला पर्व के लिए मिट्टी से बने बैल, जाता-पोला व अन्य खिलौनों की खरीदी सुबह से ही शुरू हो गई है। पर्व को लेकर बाजार में भी चहल-पहल में तेजी आ गई है।
कल शनिवार को पोला पर्व पर मिट्टी एवं लकड़ी के बने बैल व खिलौनों की पूजा-अर्चना की जाएगी। वहीं स्वादिष्ट व्यंजन का भोग भी लगाया जाएगा। इधर ग्रामीण इलाकों में भी पर्व को लेकर तैयारियां शुरू हो गई। वहीं बच्चे भी पर्व को लेकर उत्साहित नजर आ रहे हैं। भाद्र माह के अमावस्या को मनाए जाने वाला यह पर्व कई स्थानों पर पारंपरिक खेल और सांस्कृतिक आयोजन भी किए जाएंगे। विशेषकर बैल दौड़ का भी आयोजन किया जाता है। जिसमें किसान अपने बैलों को सजाकर स्पर्धा में हिस्सा लेते हैं। शहर के चिखली और गंज चौक में भव्य रूप से बैल दौड़ का आयोजन किया जाता है। इस मौके पर मेला सा माहौल भी निर्मित रहता है। घरों में पारंपरिक पकवान इत्यादि भी बनाकर पर्व का आनंद उठाया जाएगा।


