राजनांदगांव

नर्सिंग कॉलेज मना रहा विश्व स्तनपान सप्ताह
06-Aug-2025 6:29 PM
नर्सिंग कॉलेज मना रहा विश्व स्तनपान सप्ताह

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 6 अगस्त।
 शासकीय नर्सिंग महाविद्यालय राजनांदगांव द्वारा विश्व स्तनपान सप्ताह 01 से 7 अगस्त तक धूमधाम से मनाया जा रहा। एमएससी नर्सिंग के विद्यार्थियों ने मनमोहक नुक्कड़ नाटक की प्रस्तुति देकर स्तनपान से संबंधित विविध पहलुओं पर जानकारी दी। स्तनपान सप्ताह के मौके पर विद्यार्थियों ने प्रसव के बाद स्तनपान करने वाले माताओं को आवश्यक जानकारी भी दी। विश्व स्वास्थ्य संगठन हर साल एक विशिष्ट विषय (थीम) पे कार्य करता है। इस साल का थीम है स्तनपान को प्राथमिकता दे, स्थाई सहायता प्रणाली बनाए, विषय वस्तु  पर आधारित है। प्रसव के तुरंत बाद मां बच्चे को स्तनपान कराए एवं मां का पहला गाढ़ा दूध बच्चे को पिलाना अनिवार्य समझे।
इस संबंध में शासकीय नर्सिंग महाविद्यालय राजनांदगांव के बाल चिकित्सा नर्सिंग विभाग द्वारा 5 अगस्त को जिला अस्पताल बसंतपुर राजनांदगांव के पीएनसी वार्ड के प्रांगण में जनसाधारण के लिए एक स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम स्तनपान विषय पर आयोजित किया गया।

एमएससी नर्सिंग के विद्यार्थियों ने मनमोहक नुक्कड नाटक प्रस्तुत किया। जिसमें स्तनपान संबंधित विविध पहलुओं पर जानकारी दी एवं प्रसव के बाद स्तनपान करने वाले माताओं को कैसा भोजन देना चाहिए एवं  नवजात शिशु की देखभाल कैसे करनी चाहिए, इस विषय पर एमएससी नर्सिंग के छात्राओं ने विशेष स्टॉल भी लगाया था। जिसमें बहुत से माताएं और उनके घर वालों ने आकर जानकारी ली। शासकीय नर्सिंग महाविद्यालय की प्राचार्य ममता नायक ने अतिथियों का स्वागत किया एवं स्तनपान के प्रयोजन से संबंधित संबोधन दिया। बाल चिकित्सा नर्सिंग विभाग की प्राध्यापक डॉ. उमा शिंडे ने विश्व स्तनपान सप्ताह के थीम पर प्रकाश डालते कहा कि स्तनपान मां की ममता का प्रतीक स्वरूप है। इसे अनिवार्य रूप से हर मां को करना चाहिए।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डॉ. माधुरी खूंटे ने लोगों को स्तनपान के फायदे, प्रसव के बाद महिलाओं को होने वाली समस्याएं, परिवार के अन्य सदस्य किस तरह से स्तनपान करने वाली माता की सहायता करें, माता को कैसा पोषण तत्वों से भरा भोजन दें,  बच्चों का छट्टी, बच्चे के पैदा होने के 6 सप्ताह  के बाद  मनाने एवं छोटे बच्चों का मुंडन 1 साल पश्चात करने को कहा एवं बोतल से नवजात शिशु को दूध पिलाने के विषय में भी  क्या-क्या नुकसान हो सकता है , उसके विषय में शिक्षा दी।
विशिष्ट अतिथि डॉ. विक्रम बैद ने कहा कि नवजात शिशु की कैसे देखभाल करें, सिर्फ  पहले 6 महीने मां अपना दूध पिलाने एवं पूरे अस्पताल में डिब्बा बंद दूध को बिल्कुल ही बंद करने के विषय में बात की। स्तनपान कराने के लिए हर मां पहले से सहमत हो एवं सेल्फ कान्फिडेंट बनने के विषय में कहा एवं प्रसव के बाद अगर मां को किसी भी प्रकार से स्तनपान संबंधित समस्या होने पर डॉक्टर या सिस्टर की सलाह ले एवं मदद जरूर ले और इसे ही प्राथमिकता दे, इस पर जोर दिया।
कार्यक्रम में अस्पताल की मेट्रन एवं अन्य वार्डों के नर्सिंग ऑफिसर एवं इंचार्ज एवं शासकीय नर्सिंग महाविद्यालय के बाल चिकित्सा नर्सिंग विभाग के शिक्षिका शैनी साजू, नीलम चतुर्वेदानी, रागिनी जेमा एवं राखी सिंह ने कार्यक्रम में भाग लिया एवं बच्चों का मार्गदर्शन किया। कार्यक्रम का संचालन  एमएससी नर्सिंग के जूबी मैथ्यू व बेबी शिल्पी द्वारा किया गया था। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए।


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