राजनांदगांव

दो रेल्वे अंडरब्रिज निर्माण में देरी से 40 साल पुराने ओवरब्रिज पर बढ़ा ट्रैफिक दबाव
31-Jul-2025 3:54 PM
दो रेल्वे अंडरब्रिज निर्माण में देरी से 40 साल  पुराने ओवरब्रिज पर बढ़ा ट्रैफिक दबाव

पटरीपार बस्ती और दर्जनों गांव की आवाजाही परेशानी में

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

राजनांदगांव, 31 जुलाई। राजनांदगांव शहर की पटरीपार बस्ती और दर्जनों गांव के बाशिंदों के लिए रेल्वे के निर्माणाधीन दो अंडरब्रिज ने मुसीबत खड़ी कर दी है। अंडरब्रिज निर्माण में महीनों की देरी से रोजाना शहर में दाखिले के लिए एक बड़ी आबादी को यातायात समस्या का सामना करना पड़ रहा है। 

खासतौर पर सुबह कामकाजी लोगों को ओवरब्रिज से गुजरने के लिए बड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। इसके पीछे वजह यह है कि शहर में स्टेशनपारा और गौरीनगर रेल्वे अंडरब्रिज निर्माण में हो रही देरी है। दोनों अंडरब्रिज निर्माण के लिए रेल्वे ने क्रॉसिंग को बंद रखा है। शहर की एक बड़ी आबादी को व्यवसायिक कामकाज और शैक्षणिक गतिविधियों के लिए आवाजाही करना पड़ता है। ओवरब्रिज में गुजरने के लिए अक्सर जाम का सामना करने से कामकाजी लोगों को देरी होती है।

बताया जा रहा है कि रेल्वे अंडरब्रिज निर्माण कम से कम 6 से 7 महीने पीछे हो गया है। स्थानीय स्टेशनपारा अंडरब्रिज निर्माण के लिए रेल्वे के पीडब्लयूडी विभाग ने एक साल की मियाद तय की थी। एक साल का समय गुजर चुका है। स्टेशनपारा अंडरब्रिज निर्माण के कुछ दिनों बाद गौरीनगर अंडरब्रिज का निर्माण भी शुरू कर दिया गया। इस तरह दो क्रॉसिंग को बंद करने से सीधा यातायात का दबाव ओवरब्रिज पर पड़ गया।

राजनांदगांव का ओवरब्रिज करीब 40 साल पुराना है। 4 दशक पुराने ओवरब्रिज पर पिछले 10 से 15 सालों में शहर की बढ़ती आबादी से दबाव बढ़ा है। ओवरब्रिज की स्थिति दिन-ब-दिन कमजोर होती चली जा रही है। बढ़ती आबादी के चलते ब्रिज पर आए दिन यातायात व्यवस्था बेपटरी होती रही। ऐसे में 8 मीटर चौड़े ब्रिज में डिवाईडर बनाने से और भी मुश्किलें बढ़ गई है। डिवाईडर एक तरह से लोगों के लिए मुसीबत बन गया है। बार-बार जाम होने से हर तबके के लिए आवाजाही परेशानी से कम नहीं रह गई है। ओवरब्रिज में चढ़ाई के दौरान लोगों को पैदल भी चलना पड़ रहा है। बढ़ते यातायात दबाव के चलते  सडक़ हादसे भी हो रहे हैं।

ओवरब्रिज में हादसों के चलते कुछ परिवार के सदस्यों को जान गंवानी पड़ी। ओवरब्रिज पर दो तरफा यातायात का दबाव बढऩे लगा है। पटरीपार की आबादी में भी बढ़ोत्तरी हो रही है। रिहायशी इलाकों में वृद्धि होने के साथ-साथ देहात क्षेत्रों के ग्रामीण मजदूरी के लिए बड़ी संख्या में ओवरब्रिज से शहर में दाखिल होते हैं। बताया जा रहा है कि ओवरब्रिज की चौड़ाई बढ़ाने पर काम करना जरूरी है। तकनीकी रूप से इस बढ़ती समस्या पर ठोस प्लान नहीं है। ओवरब्रिज को मजबूती देने के लिए एक मास्टर प्लान बनाने पर प्रशासन और राजनीतिक दलों का जरा भी ध्यान नहीं है। बहरहाल एक बड़ी आबादी रोजाना अनचाही परेशानी के बीच ओवरब्रिज से गुजरने मजबूर है।


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