राजनांदगांव
रोजाना छोड़ा जा रहा 3 से 4 हजार क्यूसेक पानी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 24 जुलाई। जुलाई में मानसून की मेहरबानी ने सूखे पड़े बांध-बैराजों की सूरत बदल दी है। गर्मी में पूरी तरह से खाली हो चुके तीन बड़े जलाशयों मोंगरा, खातूटोला और सूखा नाला बैराज में तय क्षमता के करीब भर चुका है। कैचमेट एरिया से हो रही आवक और रूक-रूककर हो रही बारिश से तीनों जलाशयों की स्थिति संतोषजनक है। जलाशयों में लगातार पानी की आवक होने के चलते रोजाना पानी भी छोड़ा जा रहा है।
मिली जानकारी के मुताबिक मोंगरा जलाशय से रोज 3 से 4 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। पानी नहीं छोडऩे की स्थिति में बैराज में दबाव बढऩे की आशंका है, इसलिए बैराज प्रबंधन लगातार पानी छोडक़र दबाव को कम कर रहा है। बताया जा रहा है कि मोंगरा के साथ-साथ खातूटोला और सूखानाला बैराज की भी स्थिति मजबूत हुई है। मोंगरा में जहां 62 फीसदी पानी भरा हुआ है, वहीं मोंगरा की तुलना में कम माने जाने वाले खातूटोला और सूखानाला में 65 से 70 फीसदी जल का भराव हुआ है।
इस संबंध में मोंगरा बैराज के ईई भूपेन्द्र बावनखेड़े ने ‘छत्तीसगढ़’ को बताया कि पर्याप्त पानी होने के बाद बैराजों की स्थिति बेहतर हो गई है। मोंगरा से पानी छोड़ा जा रहा है। अन्य बैराज भी लगभग भर चुके हैं। बताया जा रहा है कि सावन के महीने में मानसून उम्मीद के अनुसार बरसा। जबकि सावन के बाद भादो का पूरा महीना बाकी है। भादो में भी अच्छी बारिश पिछले कुछ सालों से हो रही है। बताया जा रहा है कि अगले कुछ दिनों में मूसलाधार बारिश होने की संभावना है। इसके चलते बांध-बैराज को अलर्ट रखा गया है। जुलाई के महीने में जलाशयों से लगातार पानी भी छोड़ा जा रहा है। छोड़े गए पानी के चलते शिवनाथ की धार अब भी रफ्तार में है। कुल मिलाकर बांध-बैराजों की स्थिति जुलाई के महीनों में काफी बेहतर है।


