राजनांदगांव

राजनांदगांव, 20 जुलाई। जैन संत विनय कुशल मुनि के सुशिष्य जैन संत वीरभद्र मुनि ने आज अपने नियमित प्रवचन के दौरान तप और उपवास के महत्व को बताया। उन्होंने कहा कि तप और उपवास कर आत्मा को जगाइए और पहचानिये कि शरीर और आत्मा में क्या भेद है। उन्होंने कहा कि दृढ़ निश्चय के साथ तप और उपवास करें तो आपका तप और उपवास अवश्य सफल होगा।
जैन बगीचा स्थित नए विशाल हाल में आज जैन संत वीरभद्र ने कहा कि जीव तू आत्मा का कल्याण चाहता है तो इस शरीर से जितना रस निकालना चाहता है निकाल ले। अंतिम समय में यह शरीर इतना हल्का हो जाए कि लोगों को उठाने में भी तकलीफ ना हो और जलाने में लकड़ी भी कम लगे। उन्होंने श्रावकों से कहा कि मनुष्य भव में आए हो तो आप आत्मा की शक्ति को पहचानिये। अभ्यंकर तप का प्रयास कीजिए। मुनिश्री ने कहा कि तप मात्र परम निद्रा के लिए करें ना कि यश के लिए। दृढ़ इच्छा शक्ति के साथ तप करें, ताकि तप सफल हो। परम नि