राजनांदगांव

दो दिनी हड़ताल से स्वास्थ्य विभाग का कामकाज लडखड़़ाया
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 17 जुलाई। स्वास्थ्य विभाग में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत कार्यरत संविदा कर्मियों ने गुरुवार को विधानसभा घेराव करने के ऐलान मद्देनजर राजधानी रायपुर कूच किया।
इससे पहले बुधवार को जिला कार्यालय के सामने कर्मचारियों ने धरना-प्रदर्शन कर अपनी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर शहर में रैली निकाली। ग्रामीण क्षेत्रों में हड़ताल का सीधा असर दिखा। जबकि शहर के घनी आबादी वाले बस्ती में संचालित अस्पतालों में भी हड़ताल से ताला लटका रहा। कर्मचारियों का कहना है कि उनकी मांगें पूर्ण रूप से जायज है। हड़ताल में जाने से पहले संविदा कर्मियों ने सरकार को सूचित भी किया था। राजनांदगांव जिले में 495 संविदा कर्मी सालों से कार्यरत हैं। इससे पहले भी उनका संघ नियमितीकरण, समान काम - समान वेतन, मेडिकल भत्ता, जॉब सिक्योरिटी समेत अन्य मुद्दों को लेकर आवाज उठाता रहा है।
इस बीच आज हड़ताल के दूसरे दिन भी शहर के अलग-अलग इलाकों में उपचार के लिए पहुंचे मरीजों को मायूस होना पड़ा। आयुष्मान कार्ड एवं अन्य आवश्यक स्वास्थ्य संबंधी दस्तावेज बनाने के लिए पहुंचे जरूरतमंद लोगों को घर वापस लौटना पड़ा। शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र के स्वास्थ्य केंद्रों में हड़ताल से स्वास्थ्य कामकाज लडखड़़ा गया। इस बीच कार्यालयों में भी हड़ताल से सन्नाटा पसरा रहा। हड़ताल से टीकाकरण, कोविड जांच, सिकलसेल, मधुमेह समेत ओपीड़ी भी प्रभावित हुई। छत्तीसगढ़ प्रदेश एनएचएम कर्मचारी संघ के आह्वान पर आज सुबह जिले के हड़ताली संविदा कर्मी राजधानी रवाना हुए। विधानसभा घेराव करने रवाना हुए स्थानीय कर्मचारियों की गैरमौजूदगी से आज लगातार दूसरे दिन भी ढ़ेरों कामकाज पर प्रतिकूल असर पड़ा।