राजनांदगांव

राजनांदगांव, 10 जुलाई। हजरत ईमाम हुसैन के शहादत की याद में 12 मुहर्रम को मोतीपुर रामनगर के मदरसा गुलशने रजा में हाजी सलीम रजा की तकरीर का प्रोग्राम किया गया। इस तकरीर के मौके पर करबला के शहीदों की शहादत पर हाफिज साहिल रजा और नायब इमाम जानेआलम ने नाते पाक पेश की।
तकरीर में हाफिजों कारी हाजी सलीम राजा तहसीनी ने 22 हजार यजीदी फौज के सामने 72 हुसैनियों की शहादत को बयां किया। उन्होंने अपनी तकरीर में बताया कि किस तरह से सितमगर यजीद ने हुसैन और उनके 72 साथियों को करबला के मैदान में शहीद कर दिया। यजीद की फौज ने फरात नहर पर पहरा लगा दिया था। इमाम हुसैन के काफिले को पानी नहीं दिया और दीन इस्लाम और इंसानियत को बचाने हजरत इमाम हुसैन के भाई अब्बास अलमदार, हुसैन के बड़े बेटे हजरत अली अकबर, 6 महीने के बेटे हजरत अली असगर, हुसैन के भतीजे हजरत कासिम और हजरत इमाम हुसैन सहित सभी करबला के मैदान में शहीद हो गए।
वहीं मदरसा गुलशन रजा में 13 मोहर्रम को लंगर का एहतमाम भी किया गया। जिसमें काफी संख्या में अकीदतमंदों ने पहुंचकर तबर्रुक लिया। तकरीर के मौके पर मदरसा गुलशन-ए-रजा के सदर रज्जाक खान सहित कमेटी के कायम खान, शेख शुभानी, नसिर खान, शेख सुलेमान, निजाम खान, रुस्तम अंसारी, हफीज खान, रफीक खान, सद्दाम खान, शेख इमरान सहित बड़ी तादात में कमेटी के मेंबरान, ख्वातीनों, हजरात मौजूद थे।