राजनांदगांव

शरीयत के दायरे में मनाएं मोहर्रम-शकील
05-Jul-2025 5:18 PM
शरीयत के दायरे में मनाएं मोहर्रम-शकील

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनंादगांव 5 जुलाई।
 इस्लामिक शोहदा, कर्बला कमेटी के बैनर तले जिक्र-ए-शोहदाए कर्बला शहर जामा मस्जिद के बाड़े में आयोजित किया जा रहा है।
शहर एतराफ जामा मस्जिद के मीडिया प्रभारी सैय्यद अफजल अली ने बताया कि शोहदाए कर्बला कमेटी के सदर असद रजा की अध्यक्षता और तमाम उलेमा इकराम की सरपरस्ती में यह आयोजित हो रहा है। जिसका संचालन जेरे निजामत हाफिज हाजी सलीम रजा तहसीनी साहब कर रहे हैं। उक्त प्रोग्राम में धर्मगुरू मुफ्ती शेर मोहम्मद बरकाती साहब उत्तरप्रदेश नौ दिनों की तकरीर (प्रवचन) कर रहे हैं। इन 9 दिनों में वह अलग-अलग दिन नूरी मस्जिद कन्हारपुरी, शाहे मदीना मस्ज़िद शांतिनगर, नूरी मस्जिद गौरीनगर, मोती मस्जिद तुलसीपुर तकरीर पूरी कर पांच दिन की तकरीर का प्रोग्राम जामा मस्जिद में कर रहे हैं।

 

जामा मस्जिद के सदर हाजी रईस अहमद शकील ने बताया कि मोहर्रम का महीना बहुत ही फजीलत व बरकत वाला महीना है। यह पहला इस्लामिक महीना है। जिसमें नवास, रसूल हजरत इमामे हुसैन करबला में अपनी शहादत दी थी और इस्लाम के परचम को बुलंद किया था।
इस्लामिक महीना मोहर्रम की दस तारीख को इस्लाम धर्म की रक्षा करते वह करबला के मैदान में बातिलों (दुश्मनों) से लड़ते हुए अपनी जान कुर्बान कर दी और दुनिया को यह पैगाम दे दिया कि कभी भी बातिल के आगे सर न झुकाना। हुजूरे पाक रहमतुल्लाह अलेह ने फरमाया कि हजरत इमामे हुसैन और इमाम हसन जन्नती जवानों के सरदार हैं। रईस अहमद शकील ने समाज के लोगों से अपील करते कहा कि शरीयत के दायरे में रहकर मोहर्रम मनाएं।


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