राजनांदगांव

आपातकाल के दौरान नागरिकों के विचार व मौलिक अधिकारों का किया गया हनन - महापौर
26-Jun-2025 4:02 PM
आपातकाल के दौरान नागरिकों के विचार व मौलिक अधिकारों का किया गया हनन - महापौर


राजनांदगांव, 26 जून। लोकतंत्र की हत्या आपातकाल तथा संविधान की हत्या आपातकाल के दंश को सहन करने वाले को स्मरण करने तथा लोकतांत्रिक मूल्यों को पुनस्र्थापित करने संघर्ष करने वाले लोगों के सम्मान में बुधवार को रैली का आयोजन किया गया। रैली गुरूद्वारा से प्रारंभ होते हुए शहर के नगर पालिक निगम राजनांदगांव के टाऊन हाल पहुंची।

इस अवसर पर संविधान की हत्या आपातकाल पर आधारित फोटो प्रदर्शनी लगाई गई थी। जिसका नागरिकों ने अवलोकन किया। इस दौरान वर्ष 1975 में आपातकाल के समय राजनांदगांव के लोकतंत्र सेनानी मीसा बंदी जिन्होंने जेल में बंदी के रूप में यातना झेली उन्हें तथा उनके परिजनों को सम्मानित किया गया।

महापौर मधुसूदन यादव ने कहा कि भारतीय संविधान देश की आत्मा है और भारतीय संविधान के साथ किसी भी तरह का खिलवाड़ उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 1975 से 1977 की समयावधि में आपातकाल लागू कर संविधान की हत्या की थी। उन्होंने कहा कि संविधान की धारा 352 अंतर्गत राष्ट्र में आपातकालीन परिस्थितियों में आपातकाल लगाया जा सकता है, लेकिन अपने पद का दुरूपयोग करते व अपनी सत्ता बचाने उन्होंने देश में आपातकाल की घोषणा की थी।  इस दौरान नागरिकों के विचार एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता तथा मौलिक अधिकारों का हनन किया गया। इस अवसर पर लोकतंत्र सेनानी मीसा बंदी कुलवंत सिंह कक्कड़, मीसा बंदी की पत्नी बसंतलता निर्वाणी, मीसा बंदी धनुकलाल के पोते एवं परिजनों को सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर समाजसेवी कोमल सिंह राजपूत, अपर कलेक्टर प्रेमप्रकाश शर्मा, नगर निगम आयुक्त अतुल विश्वकर्मा, एसडीएम खेमलाल वर्मा एवं अन्य जनप्रतिनिधि, अधिकारी एवं नागरिक उपस्थित रहे।


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