राजनांदगांव

पीसीसी की बैठक में निशाने पर रहे ग्रामीण जिलाध्यक्ष
25-Jun-2025 3:31 PM
पीसीसी की बैठक में निशाने पर रहे ग्रामीण जिलाध्यक्ष

सार्वजनिक रूप से कई नेताओं पर लगाए थे आरोप, नोटिस जारी होने की अपुष्ट खबर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

राजनांदगांव, 25 जून। प्रदेश कांग्रेस प्रभारी सचिन पायलट की मौजूदगी में पीसीसी की बैठक में राजनंादगांव के ग्रामीण अध्यक्ष भागवत साहू पूर्व सीएम भूपेश बघेल के निशाने पर रहे। बघेल ने आक्रामक तेवर के साथ ग्रामीण अध्यक्ष साहू के इस्तीफा देने के बावजूद पद पर बने रहने पर सवाल उठाया। वहीं उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से इस स्थिति के लिए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज को भी घेरा।

दरअसल जिला पंचायत चुनाव के दौरान भागवत साहू सदस्य के लिए चुनाव मैदान में थे और उन्हें बुरी हार का सामना करना पड़ा। इसके लिए उन्होंने पूर्व सीएम भूपेश बघेल के अलावा जिला सहकारी बैंक के पूर्व अध्यक्ष नवाज खान, डोंगरगांव विधायक दलेश्वर साहू समेत कई नेताओं पर चुनाव में हार के लिए दोषी ठहराया था। इससे तैश में आकर भागवत साहू ने जिलाध्यक्ष के पद से इस्तीफा भी दे दिया था। बाद में इसे प्रदेश अध्यक्ष बैज ने अस्वीकार कर लिया। इस मामले को लेकर पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने सवाल उठाया कि इस्तीफा देने के बावजूद भागवत साहू पद पर क्यों बने हुए हैं। उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई क्यों नहीं की गई।

 

बताया जा रहा है कि पूर्व सीएम की शिकायत सुनकर प्रदेश प्रभारी पायलट ने साफतौर पर कहा कि अनुशासनात्मक मामलों में कोई समझौता नहीं होना चाहिए। चर्चा है कि बैज ने भी अपनी गलती को स्वीकार किया है। बघेल का यह भी आरोप है कि इस्तीफा को स्वीकार करने के बजाय बैज साहू के घर चाय पीने चले गए। इससे गलत संदेश गया। भागवत साहू ने एक प्रेस कान्फ्रेंस कर सभी नेताओं को आड़े हाथ लिया था। अब पीसीसी की बैठक में यह मामला  उछल गया है। ऐसे में राजनांदगांव कांग्रेस में सियासी माहौल गरमा गया है। इस संबंध में पीसीसी महामंत्री  मलकीत सिंह गैंदू ने ‘छत्तीसगढ़’ से कहा कि पूर्व सीएम ने उपरोक्त विषय पर सवाल उठाए हैं। रही बात नोटिस की तो मैं बाहर हूं, इस संदर्भ में मुझे जानकारी नहीं है। इधर राजनांदगांव कांग्रेस में बघेल के उठाए मुद्दों को लेकर दो फाड़ की स्थिति भी दिख रही है। बघेल समर्थकों का दावा है कि पीसीसी की ओर से साहू को नोटिस जारी किया गया है।

जबकि जिलाध्यक्ष के करीबी नेताओं ने नोटिस की बात को खारिज किया है। जिलाध्यक्ष साहू ने भी ‘छत्तीसगढ़’ से नोटिस जारी होने की बात से अनभिज्ञता जाहिर की है। बहरहाल  पीसीसी की बैठक में बघेल के सख्त तेवर को जिलाध्यक्ष साहू के लिए राजनीतिक तौर पर फायदेमंद नहीं माना जा रहा है।


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