राजनांदगांव
डीवीसी मेंबर जीवन पर 14 लाख का था ईनाम
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 18 जून। बस्तर के अबूझमाड़ में नक्सलियों द्वारा संचालित स्कूल में बतौर शिक्षक रहा मोहला-मानपुर जिले के रहने वाले डीवीसी मेम्बर जीवन उर्फ राम तुलावी ने बुधवार को अपनी पत्नी अगासा उर्फ आरती कोर्राम के साथ आत्मसर्पण कर दिया।
मोहला में आईजी अभिषेक शांडिल्य और एसपी वाईपी सिंह के समक्ष दोनों ने मुख्यधारा में वापसी की। जीवन पर 8 लाख रुपए का ईनाम था। वहीं उसकी पत्नी पर भी 5 लाख रुपए का ईनाम घोषित था।
एमएमसी जिले में ‘ऑपरेशन प्रयास’ के तहत क्षेत्र के नक्सलियों की घर वापसी को लेकर अभियान चल रहा है। इसी अभियान में पुलिस को कामयाबी मिली है। जीवन तुलावी और उसकी पत्नी आगासा मोहल-मानपुर जिले के रहने वाले हैं। जीवन ने 12वीं हायर सेकंडरी (बायोलॉजी) में 1993 में परीक्षा पास की थी। इसके बाद वह पारिवारिक वाद-विवाद के चलते नक्सलियों के प्रभाव में आकर संगठन में चला गया। वह 2000 से आज पर्यन्त नक्सल संगठन में रहा। अबूझमाड़ में वह नक्सलियों द्वारा संचालित स्कूल में शिक्षक बन गया। उसने कई नक्सलियों को माओवाद की विचारधारा की जानकारी से शिक्षित किया। 2008 से 2021 तक वह मोहला-मानपुर व कांकेर जिले की सरहद में सक्रिय कोडेखुर्सी दलम में भी रहा। बाद में वह दोबारा माड़ में नक्सलियों के स्कूल में वापस आ गया।
इसी तरह उसकी पत्नी आगासा भी 10वीं तक शिक्षित है। 38 वर्षीय आगासा मोहला थाना के अधीन तेलीटोला की रहने वाली है। साल 2006 में वह नक्सलियों के लोककला मंच के माध्यम से संगठन में शामिल हुई। वह उत्तर बस्तर डिवीजन के अंतर्गत रावघाट एरिया कमेटी में सक्रिय रही। साल 2007 में आगासा ने जीवन संग विवाह कर लिया, तब से दोनों माड़ क्षेत्र में सक्रिय रहे। वर्ष 2012 से 2025 तक जीवन जहां स्कूल शिक्षक रहा। वहीं आगासा माड़ क्षेत्र में रहने के दौरान प्रेस टीम में काम करते कम्प्यूटर चलाने में दक्ष हुई। नक्सल दंपत्ति ने संगठन में भेदभाव और शोषण तथा बड़े नक्सलियों के मुठभेड़ में मारे जाने से उत्पन्न डर के चलते वापसी का रास्ता चुना। एमएमसी जिले के लिए यह बड़ी कामयाबी है। आत्मसर्पित दंपत्ति को तत्काल 50-50 हजार रुपए की राशि दी गई तथा उनके पद पर घोषित ईनाम जल्द ही उन्हें प्रदाय किया जाएगा।


