राजनांदगांव

डीएपी की कमी, अन्य उर्वरकों के उपयोग के लिए तकनीकी सलाह
28-May-2025 4:36 PM
डीएपी की कमी, अन्य उर्वरकों के उपयोग के लिए तकनीकी सलाह

राजनांदगांव, 28 मई। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार इस वर्ष 11 जून 2025 को मानसून के छत्तीसगढ़ पहुंचने की संभावना है। इस दृष्टि से कृषकों द्वारा खरीफ फसल की तैयारी हेतु खेत की जुताई, बीज, उर्वरक, जैविक खाद की व्यवस्था की जा रही है। जिले में खरीफ फसल का रकबा 184400 हेक्टेयर है, जिसमें धान्य फसल का 174215 हेक्टेयर, मक्का 2100 हेक्टेयर, दलहन फसल 1295 हेक्टेयर एवं तिलहन 3340 हेक्टेयर का लक्ष्य रखा गया है।
फसलों के उत्पादन में रासायनिक उर्वरकों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है, चूंकि राज्य स्तर पर डीएपी उर्वरक की कमी की आशंका व्यक्त की गई है। पौधों के फास्फोरस एवं नत्रजन पोषक तत्वों की पूर्ति हेतु अन्य उर्वरकों की वैकल्पिक व्यवस्था करना आवश्यक है। कृषक सेवा सहकारी समितियों के माध्यम से अधिकांश मात्रा में उर्वरकों का अग्रिम उठाव कर रहे हैं। कृषि विभाग द्वारा इस परिप्रेक्ष्य में किसानों को यदि डीएपी की कमी होने पर अन्य उर्वरकों का उपयोग कर फसलों का अधिकतम उपज प्राप्त करने तकनीकी सलाह दी गई है। 


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