राजनांदगांव

रेल्वे प्रशासन दे रहा नागरिकों को समझाईश
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 2 मई। लोगों की लापरवाहीपूर्वक रेल पटरी पर कटने, रेल लाइन व रेल गाडिय़ों के सामने सेल्फी लेने व रील बनाने के चक्कर में जान जोखिम में डालने से रेल में ‘आदमी को कुचला गया’ की घटनाओं में लगातार वृद्धि पाई जा रही है। जबकि जीवन अमूल्य है।
मिली जानकारी के अनुसार रेल्वे सुरक्षा बल, दक्षिण पूर्व मध्य रेल नागपुर मंडल इसे गंभीरतापूर्वक लेते रेल्वे ट्रैक के आसपास बसे गांव, बस्ती व झुग्गियों तथा ग्रामीण क्षेत्रों के नागरिकों के बीच जाकर व अन्य माध्यमों से लगातार जागरूकता अभियान चलाते उन्हें समझाईश दे रही है। वहीं रेल्वे के प्रतिबंधित क्षेत्रों के साथ-साथ समपार फाटक से लापरवाहीपूर्वक पटरी पार नहीं करने, रेल पटरी पर व पटरी के किनारे सेल्फी लेना, रील बनाना/रेल्व के प्रतिबंधित क्षेत्रों में प्रवेश करना जोखिम के साथ-साथ रेल अधिनियम के तहत अपराध भी है। इसके साथ ही यात्रा के दौरान यात्रियों द्वारा चलती गाड़ी में चढऩा, उतरना भी जोखिम भरा है, इसलिए ऐसा नहीं करें। नागपुर मंडल क्षेत्राधिकार में ‘आदमी को कुचला गया’ की घटनाओं की रोकथाम के लिए अतिप्रभावित स्थानों/सेक्शन एवं प्रतिबंधित क्षेत्रों में रेल प्रशासन द्वारा प्रवेश निषेध के लिए बोर्ड/बैनर लगाए जा रहे हैं तथा बाउंड्रीवाल एवं फेंसिंग का कार्य किया जा रहा है। साथ ही रेलवे के द्वारा डिस्प्ले सिस्टम के माध्यम से प्रसारण व पीए सिस्टम के माध्यम से ट्रेनों एवं प्लेटफार्म में उद्घोषणा कराते समझाईस/जागरूक किया जा रहा है। वर्ष 2025 में अब तक नागपुर मंडल अंतर्गत ‘आदमी को कुचला गया’ के कुल 89 मामले घटित हुए हैं, जो मानव जीवन के लिए गंभीर चिंता का विषय है।
दीपचंद्र आर्य मंडल सुरक्षा आयुक्त/ रेसुब, द.पू. म. रेल्वे नागपुर मंडल द्वारा रेल लाइन किनारे बसे ग्रामीणों, गणमान्य एवं जनसाधारण नागरिकों से अपील की है कि अनाधिकृत रूप से रेल परिक्षेत्र में प्रवेश न करें एवं रेल्वे लाइन/ चलती गाड़ी के दरवाजे पर खड़े होकर यात्रा न करें और सेल्फी नहीं लें, ऐसा करने से आपकी जान को नुकसान हो सकता है। साथ ही प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, सोशल मीडिया के संचालकों व प्रतिनिधियों से भी अपील की है कि रेल प्रशासन के इस मुहिम के प्रचार-प्रसार में साथ देकर रेल दुर्घटना/मानव जीवन की हानि से बचाव, रेल के समयबद्ध परिचालन में अपना सहयोग दें।