राजनांदगांव

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 15 अप्रैल। कृषि विकास अधिकारी व कवियत्री सुषमा शुक्ला के यहां पर्यावरण जागरूकता से संबंधित साहित्यिक गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी की अध्यक्षता छग राजभाषा आयोग के जिला समन्वयक आत्माराम कोशा ने की। शिवनाथ धारा साहित्य समिति के बैनर तले आयोजित साहित्यिक गोष्ठी में कवि व साहित्यकारों ने पर्यावरण बचाने संदेश वाली एक से बढक़र एक काव्य रचनाएं पढ़ी।
आयोजन में अध्यक्षता करते श्री कोशा ने कहा कि हमर करम हो गे हे जाली, त कहां ले रही हरियाली, रिसा गेहे प्रकृति, रिसा गेहे संस्कृति, रिसा गेहे, माता महा काली, त कहां ले रही हरियाली। इस दौरान जल को बचाना, अपने कल को बचाना कहते हुए कवि वीरेंद्र तिवारी ने पौधरोपण कर फोटो खिंचवाने वाले व उनकी देखरेख नहीं करने वाले लोगों को आड़े हाथों लिया।
कवि महेद्र बघेल, कवि गिरीश ठक्कर, कवि ओमप्रकाश साहू, लखनलाल साहू, कवि मानसिंह, अखिलेश्वर प्रसाद मिश्रा, शंकर शरण खोब्रागढे, कवि गोवर्धन गंभीर, कुलेश्वर साहू, अनिल कसेर, कन्हैया लाल मेश्राम ने भी अपनी कविता में पर्यावरण बचाने का संदेश दिया।
इस दौरान माधवी गणवीर, रोहिणी पटेल, लोमन दास मानिकपुरी, प्रीतम कोठारी, समीर, जीवन दास सहित अन्य कवि व साहित्यकारों ने पर्यावरण के रंग में भीगी रचनाएं पढक़र प्रशंसा प्राप्त की। अंत में कवयित्री सुषमा शुक्ला ने समस्त कवि/साहित्यकारो का आभार प्रदर्शन करते औषधीय व अन्य पौधे भेंट किए। उक्त जानकारी मानसिंह मौलिक ने दी।