राजनांदगांव

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 15 अप्रैल। स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 के ओडीएफ का प्रचार-प्रसार के लिए लाखों की निविदा में भ्रष्टाचार होने का हवाला देते पूर्व पार्षद हेमंत ओस्तवाल ने जांच की मांग की। पूर्व पार्षद श्री ओस्तवाल ने कहा कि निविदा सूचना 27 मार्च 2025 को जारी जो की गई है, उसकी जांच की जाए।
पूर्व पार्षद श्री ओस्तवाल ने मुख्यमंत्री, नगरीय प्रशासन सचिव - संचालक, कलेक्टर एवं नगर निगम आयुक्त से मांग करते कहा कि राजनंादगांव सीमा क्षेत्र के अंतर्गत होने वाले स्वच्छ सर्वेक्षण 2024, ओडीएफ सर्वेक्षण के लिए प्रचार-प्रसार एवं जनजागरूकता कार्यक्रमों के लिए अधिकृत, पंजीकृत सप्लायर्स, संबंधित ठेकेदार, फर्म एजेंसी से फार्म बी में मुहरबंद निविदा के लिए आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 11 अप्रैल 2025 को निविदा सूचना का आयुक्त कार्यालयीन पत्र 27 मार्च 2025 को जारी किया गया है। उसमें निविदा प्राप्त आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 11 अप्रैल 2025 को जारी की गई है।
जबकि निगम की वेबसाइट में 13 अप्रैल 2025 को साइट में अपडेट किया गया है, जो भ्रष्टाचार को स्वयमेव प्रमाणित करता है। इस पूरे मामले के भ्रष्टाचार के मास्टर माइंड अधिकारी-कर्मचारी द्वारा इस स्वच्छ सर्वेक्षण में फ्लेक्स डिजाईन एवं प्रिंटिंग कार्य आदि में लगभग 25 लाख रुपए की जो निविदा जारी की गई है, उसमें भारी वित्तीय अनियमितता कर लाखों का भ्रष्टाचार किया गया है।
श्री ओस्तवाल ने कहा कि स्वच्छ सर्वेक्षण सन 2024 का वर्ष समाप्त हो चुका है और सन् 2025 प्रारंभ हो चुका है फिर सन् 2024 का स्वच्छ सर्वेक्षण ओडीएफ के प्रचार-प्रसार के लिए निविदा 27 मार्च 2025 को नगर निगम आयुक्त द्वारा कैसे जारी की गई। इस पूरे मामले की संबंधित विभाग की जांच करवाकर दोषियों के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज करवाया जाए और जब तक इस पूरे मामले की जांच का खुलासा नहीं हो जाता, लोककर्म विभाग के कम्प्यूटर निविदा प्रपत्र डाउनलोड के मास्टर माइंड नगर निगम के संजय साहू को तत्काल वहां से हटाया जाए।
जिससे पूरे मामले की जांच में रूकावट ना आए और निगम के महापौर जी से अनुरोध है कि इस तरह के गलत कार्यों और भ्रष्टाचार पर रोक लगाने हेतु आम जनता और शासन के हित में अपने कड़े तेवर तत्काल दिखाएं।