राजनांदगांव

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 30 मार्च। यूके की माइनिंग कंपनी एंटोफगास्टा में हिस्सेदारी बनाने के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले आरोपी को डोंगरगांव पुलिस ने गिरफ्तार किया। ऐप के माध्यम से करीब दो लाख रुपए की धोखाधड़ी की गई।
मिली जानकारी के अनुसार 29 मार्च को डोंगरगांव थाना प्रभारी निरीक्षक अवनीश कुमार श्रीवास के नेतृत्व में थाना डोंगरगांव क्षेत्र में जनवरी 2024 से सितंबर 2024 तक स्थानीय आरोपी प्रवीण बम्बेश्वर द्वारा एंटोफगास्टा ऐप के माध्यम से लोगों से अधिक लाभ का झांसा देकर रकम जमा करवाई गई थी, जो प्रार्थी पोखराम साहू निवासी वार्ड नं. 14 मटिया डोंगरगांव ने रिपोर्ट दर्ज कराया कि प्रवीण द्वारा प्रत्यक्ष रूप से विभिन्न स्थलों तथा सेमीनार के माध्यम से एक एंटोफगास्टा कंपनी के बारे में जानकारी दी और बताया कि हम भारत सरकार की कंपनी है। मोदी सरकार की गरीबी उन्मूलन परियोजना के अंतर्गत है, जिसे सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त है।
उक्त कंपनी की भारतीय स्टेट बैंक से सम्बद्ध बताया गया। साथ ही उससे संबंधित दस्तावेज दिखाया गया। जिसके प्रभाव में आकर आवेदकगणों द्वारा उनके द्वारा बताए मोबाइल एप के माध्यम से संबंधित कंपनी द्वारा दिए गए बार कोड में विभिन्न व्यवहारों में मेरे स्वयं का एक लाख 1 हजार रुपए, पुष्पेन्द्र साहू बडग़ांव चारभांठा 49 हजार रुपए, द्विवांशु गंडावी मटिया 18 हजार 200 रुपए एवं अन्य के द्वारा राशि जमा किया गया है। जिसमें शुरूआत में कमीशन व फायदे के नाम से थोड़ी बहुत राशि जमा अनुपात 9 प्रतिशत आता था। जबकि अनावेदक द्वारा अधिक लाभ का झांसा दिया गया था। जिसके झांसे में आकार सभी ने उक्त मोटी रकम जमा की थी, लेकिन सितम्बर 2024 कंपनी में रिफंड भेजना बंद कर रिफंड के लिए 6-6 हजार रुपए टैक्स जमा करने के नाम से वाट्सअप के माध्यम से मांग की। नहीं देने पर आईडी ब्लॉक करने की धमकी दी गई है। आरोपी द्वारा एक वाट्सअप ग्रुप इंडिया इटाफगास्टा के नाम से संचालित कर लगभग लोगों को कंपनी से संबंधित जानकारियां, सुझाव, नियम व कानून लेनदेन के तरीके, रुपए रिचार्ज करने के तरीके एवं बोनस व विड्राल के तरीकों को लगातार बताया जाता था।
आरोपी प्रवीण द्वारा एक दिन पूर्व ही शिकायत होने की स्थिति बनते देख संदेहास्पद रूप से व्हाट्सअप ग्रुप से प्रार्थियों के मोबाईल नंबर को अकस्मात रिमुव कर दिया गया। वहीं इनके सहयोगी वनिता तथा सेरेना मिचेल द्वारा भी कंपनी से संबंधित दस्तावेज, नीति नियम व छत्तीसगढ़ में अतिशीघ्र खनन क्षेत्र प्रारंभ करने का हवाला देते विभिन्त्र प्रकार के धातुओं की खरीदी बिक्री किए जाने की जानकारी प्रसारित की जाती थी। जिससे प्रार्थी उनके झांसे में आ गया, जो रिपोर्ट दर्ज कर विवेचना में लिया गया। आरोपी प्रवीण का पता तलाश कर पूछताछ करने पर जुर्म स्वीकार किया ।
एफआईआर दर्ज होने की जानकारी मिलने पर आरोपी सिम और मोबाइल को नष्ट करना बताया, जो प्रकरण में आरोपी द्वारा साक्ष्य नष्ट करने के कारण धारा 238 बीएनएस जोडी गई। आरोपी के विरूद्ध धारा सदर का पर्याप्त साक्ष्य पाए जाने पर 29 मार्च को गिरफ्तारी के कारणों से अवगत कराते गिरफ्तार किया गया। ममला अजामनतीय होने से आरोपी को न्यायिक रिमांड पर भेजा गया है, अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है।