राजनांदगांव

घास भूमि को बताया मार्ग, अनुचित तरीके से लाभ पहुंचाने बड़ा खेल
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 21 मार्च। नगर तथा ग्राम निवेश विभाग के कारनामे ने सरकार को करोडों रुपए का नुकसान पहुंचाया है। विभाग द्वारा राजस्व विभाग में छेड़छाड़ कर नंदई-मोहारा मार्ग पर मल्टीप्लेक्स के लिए अनुज्ञा जारी कर दी। वहीं विभाग ने घास भूमि में मार्ग भी दर्शा दिया।
अधिवक्ता दम्यंती मंडल के अनुसार राजस्व विभाग तथा नगर ग्राम निवेश विभाग द्वारा मिलीभगत कर करोड़ों, अरबों रुपयों का घोटाला किया गया है। नंदई-मोहारा मार्ग की वर्तमान चौड़ाई 15 मीटर है। राजनंादगांव विकास योजना 2031 में 30 मीटर है। तत्कालीन उप संचालक सूर्यभान सिंह ठाकुर नगर तथा ग्राम निवेश विभाग द्वारा जारी विकास अनुज्ञा पत्र में 30 मीटर अनुमोदित अभिन्यास में 45 मीटर मार्ग दर्शाते हुए मल्टीप्लेक्स के अनुज्ञा जारी कर दी गई है। घास भूमि मं मार्ग दर्शा दिया गया। इससे उक्त मार्ग पर विद्यमान भूमि स्वामियों को अनुचित तरीके से लाभ पहुंचाकर शासन को करोड़ों रुपए का नुकसान पहुंचाया गया।
छग राजस्व संहिता 1959, छग नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम 1973 के प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए मनोज महेश्वरी पिता स्व. सत्यनारायण महेश्वरी, पंकज महेश्वरी पिता मनोज महेश्वरी निवासी भारत माता चौक राजनांदगांव को ग्राम नंदई पटवारी हल्का नंबर 00041 रा.नि. राजनांदगांव को भूमि खसरा क्र. 1611/5, 1611/6, 1611/9 एवं 1611/10 कुल रकबा 0.437 हेक्टेयर भूमि जिसका उपयोग राजनांदगांव विकास योजना 2031 में प्रस्तावित मिश्रित अंकित है। उसे भी विकास अनुज्ञा जारी की गई। मिसल रिकार्ड में फर्जीवाड़ा किया गया। 30 मीटर मार्ग को 45 मीटर दर्शाते हुए मल्टीप्लेक्स की अनुज्ञा जारी कर दी गई। इससे नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम 1973 के प्रावधानों को नजर अंदाज करते हुए राजस्व अभिलेखों में दर्ज घास भूमि को अनुमोदित कर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि यदि इस प्रकरण की जांच की जाए तो बड़े स्तर का घोटाला उजागर होगा। ग्राम तथा नगर निवेश अधिनियम 1973 के प्रावधानों के तहत अधिसूचित निवेश क्षेत्र जहां विकास योजना अंगीकृत की जाकर प्रवृत्त है, वहां विकास योजना के प्रावधानों के विरूद्ध बेसमेंट में पार्किंग का प्रावधान किए बिना ही मल्टीप्लेक्स हेतु विकास अनुज्ञा जारी कर दी गई।
उप संचालक नगर तथा ग्राम निवेश राजनंादगांव द्वारा जारी विकास अनुज्ञा पत्र क्र. आदेश दिनांक 2 अगस्त 2023 की कंडिका क्र. 13 में स्पष्ट अंकित है कि छग भूमि विकास नियम 1984 के नियम 56(6) के प्रावधान अनुसार भूखंड के तीन ओर तथा सामने की ओर न्यूनतम 12 मीटर खुला क्षेत्र छोड़ा जाना आवश्यक है, जिसे बदलकर 6 मीटर कर दिया गया। यह भी ग्राम तथा नगर निवेश अधिनियम 1973 एवं छग नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 के प्रावधानों का घोर उल्लंघन है।
उन्होंने आरोप लगाया कि राजस्व व नगर निवेश विभाग द्वारा राजस्व व नगर निवेश विभाग द्वारा राजस्व अभिलेखों में छेड़छाड़ कर न केवल अपराधिक कृत्य किया गया है, बल्कि तत्कालीन अधिकारियों द्वारा अपने पद का दुरूपयोग भी किया गया है। उन्होंने कहा कि यदि मामले की निष्पक्ष जांच की जाए तो करोड़ों का घोटाला उजागर होगा। उन्होंने कहा कि यदि गड़बड़ी करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई, तो एसीबी, ईओडब्लयू, इनकम टैक्स तथा ईडी को शिकायत की जाएगी।