राजनांदगांव

रमजान के महीने में मस्जिद और घरों में खुदा से अमन और तरक्की के लिए कर रहे दुआएं
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 19 मार्च। रमजान के पाक महीने का पहला पखवाड़ा बीत गया है। रोजेदार पांच वक्त की नमाज की रस्म करते अल्लाह से अमन और तरक्की के लिए दुआ मांग रहे हैं। मस्जिदों में देर रात तक रोजेदारों का मजमा लगा हुआ है। घरों में भी महिलाएं नमाज अदा कर रही हैं। शहर के मस्जिदों में सेहरी से लेकर इफ्तार तक रोजेदार कुरान शरीफ के जरिये खुदा को अपने लिए दुआएं मांग रहे हैं।
शहर के जामा मस्जिद समेत अन्य मस्जिदों को रमजान के खास महीने में आकर्षक रूप से सजाया गया है। रोजेदारों का घर की महिलाएं भी खास ख्याल रख रही है। सुबह सेहरी से लेकर इफ्तार के नमाज तक रोजेदार पांच वक्त का नमाज अदा कर रहे हैं।
माना जाता है कि रमजान के महीने में अल्लाह की इबादत करने से सभी दुआएं कबूल होती है। इस महीने के आखिरी में ईद का पर्व मनाया जाएगा। शहर में ईद मनाने के लिए प्रशासनिक तैयारी भी चल रही है। रोजेदारों के लिए गैर मुस्लिम समुदाय की ओर से भी इफ्तार की दावत दी जा रही है। इफ्तार में काजू, बादाम, पिस्ता के अलावा खास किस्म के खजूर और अन्य स्वादिष्ट खानपान भी रखा जा रहा है। राजनीतिक व्यक्तियों द्वारा भी इफ्तार की रस्म अदा कर रोजेदारों को आमंत्रित किया जा रहा है।
मस्जिदों में पांच वक्त के नमाज की रस्म के लिए मुस्लिम समुदाय के बाशिंदे रोजा रखकर इबादत कर रहे हैं। शहर के मस्जिद रोजेदारों से गुलजार है। नमाज के लिए रोजेदार मस्जिदों में तय समय पर पहुंच रहे हैं। शहर के जामा मस्जिद की कृत्रिम रौशनी से रमजान पर्व की खासियत का पता चल रहा है। वहीं चांद का दीदार होने के साथ ही रोजे रखने का सिलसिला शुरू हो गया है। इस महीने में चांद के अनुसार 29 या 30 रोजे पूरे होते हैं। वहीं इस्लाम धर्म को मानने वाले अल्लाह की इबादत करते हैं।
रोजेदारों की इस इबादत का इनाम अल्लाह इस माह के रोजे पूरे होने पर ईद के रूप में देता है। रमजान का महीना शुरू होने के साथ ही मस्जिदों में तरावीह की विशेष नमाज भी पढ़ाई जा रही है। रमजान का महीना अल्लाह की रहमतों से भरा हुआ होता है। मुस्लिम समाज में रमजान के महीने में बच्चों से लेकर हर उम्र के लोगों द्वारा रोजे रखे जाते हैं। इस दौरान सूर्यास्त से पहले सेहरी और सूर्यास्त के बाद इफ्तार किया जाता है।
मिली जानकारी के अनुसार इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक रमजान साल का 9वां महीना होता है। इस पूरे महीने रोजा रखना सिर्फ खाना.पीना छोड़ देने का नाम नहीं है। असली मकसद भूख और प्यास की तकलीफ को समझना है। रोजा सब्र और गलत चीजों से परहेजगारी भी सिखाता है। रमजान महीने में अल्लाह की इबादत के साथ ही जकात यानी दान का भी बड़ा महत्व है। ईद की नमाज से पहले जकात अदा कर दी जाती है। जकात इस्लाम के पांच स्तंभों में से एक है। जिसमें अपनी संपत्ति का कुछ हिस्सा मुफलिसों और जरूरतमंदों को दान किया जाता है।