राजनांदगांव

40 दिन तक कठोर उपवास करते गिरजाघरों में प्रभु की कर रहे स्तुतिगान
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 18 मार्च। प्रभु ईसा मसीह को सूली में लटकाने की याद में ईसाई समुदाय इन दिनों दुखभोग माह में विशेष प्रार्थनाएं में लीन है। गिरजाघरों में प्रभु के त्याग और बलिदान को आत्मसात करने का कठिन संकल्प लेकर समुदाय के लोग नियमित तौर पर आराधना कर रहे हैं।
40 दिन तक कठोर उपवास रखते हुए समुदाय के बाशिंदे प्रभु के जीवन और संघर्ष की गाथाओं का पठन कर रहे हैं। चर्चों में पास्टर और फादर बाइबिल में लिखे महत्वपूर्ण अंशों का पठन कर रहे हैं।
लोक मान्यता है कि प्रभु ईसा मसीह ने मानव कल्याण के लिए खुद को सूली में लटने से परहेज नहीं किया। उनके त्याग को याद कर समुदाय के लोग गमगीन माहौल में प्रार्थनाएं कर रहे हैं।
गिरजाघरों में देर शाम तक प्रभु के समर्पण और संघर्ष की अलौकिक गाथाओं का न सिर्फ वाचन किया जा रहा है, बल्कि इंसानियत की राह पर चलने की सीख के लिए उनके त्याग को एक सशक्त आधार बताया जा रहा है। इस बीच 40 दिनों तक दुखभोग माह के रूप में अलग-अलग चर्चों में सभाएं और आराधना हो रही है। घरों में भी प्रभु यीशु मसीह के बताए सिद्धांतों और मार्गों का अनुशरण करते हुए आराधनाओं का दौर चल रहा है।
रविवार को चर्चों में विशेष तरह की जानकारियां धार्मिक तौर पर दी जा रही है। ईसाइ समाज प्रभु यीशु के प्रति समर्पण भाव लिए इस शोक के महीने में उन्हें याद कर रहा है। प्रभु यीशु की स्तुतिगान करते हुए समाज के लोग शीश झुकाए प्रार्थनाओं में पूरी तरह से लीन नजर आ रहे हैं।