राजनांदगांव

महापौर मधुसूदन की पसंद से मिला पारस को दूसरा शीर्ष पद, 41-9 मतों से मिली जीत
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 9 मार्च। नगर निगम के दूसरे शीर्ष पद निगम अध्यक्ष की कुर्सी पर ओबीसी वर्ग के पारस वर्मा ने बाजी मार ली है। अध्यक्ष की दौड़ में शामिल सामान्य वर्ग के दावेदारों पर 4 बार से लगातार पार्षद चुनना पारस के लिए मजबूत आधार रहा। सामान्य वर्ग के दावेदारों पर भारी पड़े पारस ने अध्यक्ष की कुर्सी अपने नाम कर ली। राजनीतिक तौर पर सामान्य वर्ग के दावेदारों को झटका लगा है।
सामान्य वर्ग से राजा माखीजा, शैंकी बग्गा और आलोक श्रोती अध्यक्ष के प्रबल दावेदार माने जा रहे थे। हालांकि ओबीसी वर्ग से भी पारस के साथ शिव वर्मा और सावन वर्मा का भी नाम सामने आया था। शिव वर्मा और सावन वर्मा को संगठन के अलग-अलग गुटों के नेताओं का समर्थन था।
महापौर मधुसूदन यादव की पसंद पर भी पारस के नाम पर संगठन ने मुहर लगाई। पारस पिछले दो दशक से लगातार पार्षद निर्वाचित होकर सदन में पहुंच रहे हैं। लिहाजा 4 बार से पार्षद होने का लाभ उन्हें मिला। इधर पारस ने कांग्रेस के अध्यक्ष के प्रत्याशी सतीश मसीह को 41-9 मतों के अंतर से मात दी। वहीं 1 वोट अवैध पाया गया।
पारस की ताजपोशी के साथ निगम में पहली बार ओबीसी वर्ग से महापौर और अध्यक्ष निर्वाचित हुए हैं। पारस के लिए महापौर मधुसूदन यादव भी प्रयासरत थे। राजनीतिक रूप से पारस को यादव का समर्थक माना जाता है। हालांकि पार्टी में सामान्य वर्ग को अध्यक्ष की कमान सौंपे जाने के लिए भी जोर आजमाईश चल रही थी।
यादव की पसंद को संगठन ने तवज्जो दी। वजह यह है कि संगठन निगम की राजनीति में सीधे तौर पर यादव को फ्री हैंड देने के मूड़ में है। पारस की नियुक्ति के साथ संगठन ने यह संदेश देने की कोशिश की है कि निगम के मामले में यादव की राय अंतिम होगी।